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Hindi Newsदिल्ली की एनजीओ ने कराया छह महीने से बंधक ज्योति को मुक्त

दिल्ली की एनजीओ ने कराया छह महीने से बंधक ज्योति को मुक्त

संजय गिरि ट्रांस, हिंडन। हैवानियत की वैसी ही कहानी फिर दोहराई गई। पहले हिंडन एयरफोर्स के सार्जेंट के घर में नौकर बनाकर लाया गया एक बच्चा अमानवीय यातनाओं के दौर से गुजरा था। अब एक बच्ची कौशांबी के...

दिल्ली की एनजीओ ने कराया छह महीने से बंधक ज्योति को मुक्त
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 26 May 2009 02:44 PM
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संजय गिरि ट्रांस, हिंडन। हैवानियत की वैसी ही कहानी फिर दोहराई गई। पहले हिंडन एयरफोर्स के सार्जेंट के घर में नौकर बनाकर लाया गया एक बच्चा अमानवीय यातनाओं के दौर से गुजरा था। अब एक बच्ची कौशांबी के चार्टेड एकाउंटेंट और उसकी पत्नी की यातनाओं का शिकार बनी है। यह अनाथ बच्ची इस परिवार में पिछले छह महीने से बंधक थी। इस बारे में दिल्ली के एक एनजीओ को पता लगा तो उसने पुलिस के साथ मिलकर बच्ची को मुक्त कराया। आरोपी सीए व उसकी पत्नी ने पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। दोनों पुलिस की हिरासत में हैं।

यह मामला इंदिरापुरम थाना क्षेत्र  स्थित कौशांबी के हिमगिरि अपार्टमेंट का है। पुलिस के मुताबिक, फ्लैट नंबर-307 में रहने वाले संजीव दिल्ली में चार्टेड एकाउंटेंट हैं। यहां वह पत्नी अर्चना के साथ रहते है। आरोप है कि दंपती नवंबर 2008 में बिहार के सीवान से आठ साल की ज्योति को अपने साथ लाए थे। वह घर का सारा काम अर्चना से कराते थे और काम में जरा भी चूक होने पर उसे पीटते थे। ज्योति के शरीर पर मिले चोटों के निशान इसकी साफ गवाही दे रहे हैं। कुछ दिन पहले प्रेशर कुकर से उसका दायां हाथ जल गया था।

रविवार को दिल्ली के एक एनजीओ की सचिव रीना बनर्जी को इसका पता चला तो उन्होंने इंदिरापुरम थाने में शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने बच्ची को मुक्त करा लिया। पहले तो डरी-सहमी ज्योति कुछ भी बताने से हिचकती रही, लेकिन हौसला बढ़ाने पर उसने आपबीती सुना डाली। पुलिस को उसने बताया कि अर्चना मुझे घरेलू काम कराने के लिए नवंबर में यहां लाई थी। यह लोग मुझे बात-बात पर पीटते थे। पेट भरकर खाना नहीं देते थे।

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