मुजफ्फरपुर के समाजवादी नेता शारदा मल्ल नहीं रहे
समाजवादी आंदोलन के वयोवृद्ध जुझारू नेता शारदा मल्ल का सोमवार की शाम जूरन छपरा स्थित प्रशांत नर्सिग होम में निधन हो गया। संध्या सात बजे तक उन्होंने अंतिम सांस ली। वे अपने पीछे पत्नी शांति मल्ल और...
समाजवादी आंदोलन के वयोवृद्ध जुझारू नेता शारदा मल्ल का सोमवार की शाम जूरन छपरा स्थित प्रशांत नर्सिग होम में निधन हो गया। संध्या सात बजे तक उन्होंने अंतिम सांस ली। वे अपने पीछे पत्नी शांति मल्ल और दत्तक पुत्र (भतीजा) वेद प्रकाश को छोड़ गये हैं। उनके अंतिम संस्कार लिए शव यात्रा मंगलवार की पूर्वाह्न् 11 बजे पहलेजघाट के लिए प्रस्थान करेगी। प्रख्यात समाजवादी नेता डॉ. राम मनोहर लोहिया और राजनारायण के साथ बिहार समेत कई राज्यों में समाजवादी आंदोलन को तेज गति देने वाले स्व. मल्ल अपने जीवन के अंतिम समय तक विभिन्न समाजवादी आंदोलन को एकजुट करने के लिए प्रयत्नशील रहे। उनके निधन से की खबर आग की तरह जिले में फैल गई।ड्ढr ड्ढr राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों में शोक की लहर दौड़ गयी। कई राजनीति दलों के नेताआें और कार्यकर्ताआें ने मझौलिया रोड स्थित उनके आवास पर पहुंचकर उनका अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि अर्पित की। पूर्व केन्द्रीय मंत्री व स्थानीय सांसद जार्ज फर्नाडीस ने दिल्ली से दूरभाष पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि समाजवादी नेता शारदा मल के निधन से अपूरणीय क्षति हुई। उनके निधन से देश के समाजवादी अांदोलन को गहरा झटका लगा है। सूचना एवं जनसम्पर्क मंत्री अजरुन राय उनके आवास पर मर्माहत दिखे। उन्होंने उनकी पत्नी को सांत्वना देते हुए कहा कि शारदा मल्ल देश की राजनीति में समाजवादी धारा के मेरूदंड थे। उन्होंने समाज को सिर्फ दिया है, लिया कुछ भी नहीं। श्री राय ने कहा कि राजनीति में उनका मन जब भी अशांत होता था तो मन को शांत करने तथा राजनीति का गुर सीखने उनके चरणों में आ जाते थे। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने दूरभाष पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए परिवार के लोगों को सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि इस दु:ख की घड़ी में हम सबको धैर्य से काम लेना चाहिए। श्री मल्ल के सहयोगी समाजवादी नेता हरिनारायण सिंह भी काफी आहत दिखे। श्री सिंह उनके पार्थिव शरीर को नमन करने के बाद शोकाद्गार में कहा कि इनके निधन से जिले ही नहीं वरन पूरे उत्तर बिहार में एक युग का अंत हो गया।ं