गांवों में बनेंगे महंगे मॉडल वाले शौचालय
सूबे के गांवों में अब ऑफ द पिट वाले महंगे मॉडल वाले शौचालय भी बन सकेंगे। इस तरह के शौचालय लम्बे समय तक काम में आते हैं हालांकि उनकी लागत 2000 या उससे अधिक आती है। संपूर्ण स्वच्छता अभियान (टीएससी) के...
सूबे के गांवों में अब ऑफ द पिट वाले महंगे मॉडल वाले शौचालय भी बन सकेंगे। इस तरह के शौचालय लम्बे समय तक काम में आते हैं हालांकि उनकी लागत 2000 या उससे अधिक आती है। संपूर्ण स्वच्छता अभियान (टीएससी) के तहत केन्द्र सरकार बीपीएल परिवारों को किसी भी मॉडल के शौचालय के निर्माण के लिए केन्द्रांश मद से एक समान प्रोत्साहन राशि यानी 00 रुपए देने पर सहमत हो गयी है। इससे ग्रामीण 1500 रुपए के ऊपर की कीमत वाले मॉडल के शौचालय बनवाने में भी रुचि ले सकेंगे। यह नहीं आंगनबाड़ी के बालक मित्र शौचालय के मानक प्राक्कलन को 10 हजार रुपए करने का भी केन्द्र ने आश्वासन दिया है।ड्ढr ड्ढr पहले केन्द्र ने इसके लिए 5000 रुपए ही देने का प्रावधान किया था। इसके अलावा राज्य में स्वजलधारा के तहत योजनाओं के लिए केन्द्र से बाकी राशि को जारी कराने के लिए लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण (पीएचईडी) मंत्री डा. प्रेम कुमार केन्द्रीय ग्रामीण विकास डा. रघुवंश प्रसाद सिंह से मिले थे। दोनों मंत्रियों की बैठक में पीएचईडी के सचिव शशिशेखर शर्मा भी थे। पीएचईडी से मिली जानकारी के मुताबिक बैठक में स्वजलधारा कार्यक्रम के तहत स्वीकृत योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए केन्द्र 18 करोड़ रुपए इसी वित्तीय वर्ष में जारी करने पर सहमत हो गया। इसके लिए लाभार्थी अंशदान भी राज्य सरकार ने जमा कर लिया था। इस तरह अब इस योजना का लाभ ग्रामीणों को मिल सकेगा। राष्ट्रीय जल गुणवत्ता मॉनीटरिंग कार्यक्रम के गाइडलाइन में सुधार के मुद्दे पर भी बैठक में चर्चा हुई। केन्द्रीय मंत्री ने गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल सुविधा मुहैया करने के लिए 10 फीसदी के लाभार्थी अंशदान की अनिवार्यता को भी समाप्त करने पर सहमति जताई।ड्ढr ड्ढr डा. कुमार का तर्क था कि लाभार्थी अंशदान के प्रावधान से योजना को लागू करने में दिक्कत आती थी। इसके अलावा राज्यस्तरीय योजना क्िलयरेंस समिति द्वारा योजनाओं की स्वीकृति एवं केन्द्र द्वारा शीघ्र राशि जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाने, विभाग द्वारा भेजे गए उपयोगिता प्रमाण-पत्र की ऑन-लाइन व्यवस्था करने और केन्द्र प्रायोजित त्वरित ग्रामीण जलापूर्ति एवं सब-मिशन कार्यक्रम पर भी चर्चा हुई।