पटना व बोधगया10 अरब की विकास राशि से वंचित
नीतीश शासन में पटना और बोधगया शहर दस अरब की विकास राशि से वंचित हो गये हैं। राज्य सरकार दो वर्षो में करीब पांच अरब रुपए की केन्द्रीय मदद से महरुम हो गई है। वहीं राज्य बजट की भी इतनी ही राशि (और पांच...
नीतीश शासन में पटना और बोधगया शहर दस अरब की विकास राशि से वंचित हो गये हैं। राज्य सरकार दो वर्षो में करीब पांच अरब रुपए की केन्द्रीय मदद से महरुम हो गई है। वहीं राज्य बजट की भी इतनी ही राशि (और पांच अरब रुपए) विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डीपीआर) की केन्द्रीय स्वीकृति के अभाव में दो वर्षो में खर्च नहीं हो पायी है। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने यह खुलासा किया है।ड्ढr ड्ढr जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (नुरुम) के तहत पटना और बोधगया शहर के विकास पर यह राशि खर्च होनी थी। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री एस जयपाल रेड्डी ने कहा है कि केन्द्र सरकार को बोधगया का डीपीआर अभी मिला ही नहीं है। इसलिए बोधगया को केन्द्रीय राशि देने की जरूरत नहीं पड़ी है जबकि दो वर्षो में केन्द्र सरकार को पटना शहर की मात्र कचरा प्रबंधन परियोजना के लिए 36.रोड़ का डीपीआर मिला है जिसके तहत केन्द्र ने अब तक 4.61 करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी कर दी है।ड्ढr ड्ढr नुरुम के प्रावधानों के तहत दोनों शहरों के विकास के लिए केन्द्र से राशि लेने की खातिर राज्य सरकार को डीपीआर बनवाना है और केन्द्र सरकार से उसकी स्वीकृति लेनी है। नुर्म के अन्तर्गत केन्द्र सरकार ने पूरे देश के 63 शहरों के लिए 50,000 करोड़ रुपए की राशि की व्यवस्था की है। पटना के विकास के लिए 50 फीसदी राशि केन्द्र को और 50 फीसदी राज्य को व्यवस्था करनी है वहीं बोधगया के विकास के लिए 80 फीसदी केन्द्रीय मदद मिलनी है और मात्र 20 फीसदी राशि ही राज्य सरकार को लगानी है। देश की दूसरी राज्य सरकारें अब तक करोड़ो रुपए की केन्द्रीय मदद ले चुकी है, पर डीपीआर निर्माण के अभाव में नीतीश सरकार अब तक मात्र 4.61 करोड़ रुपए की ही केन्द्रीय मदद ले पायी है। केन्द्रीय मंत्री एस जयपाल रेड्डी ने पटना के सांसद रामकृपाल यादव को पत्र लिख कहा है कि कचरा प्रबंधन के डीपीआर के अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा बनवायी गई पटना के अन्य डीपीआर संशोधन के लिए राज्य को वापस कर दिए गए हैं जबकि बोधगया का डीपीआर राज्य ने केन्द्र के समक्ष प्रस्तुत ही नहीं किया है।ं