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संतरी नदारद फिर भी नहीं भागा कैदी

आजीवन कारावास की सजा काट रहा कैदी पुलिस के आला अफसर के सामने खड़ा है और शिकायत कर रहा है कि उसको भागने से रोकने वाले सुरक्षाकर्मी उसे छोड़कर न जाने कहाँ गायब हैं। आप मानें न मानें, पर हुआ कुछ ऐसा ही।...

 संतरी नदारद फिर भी नहीं भागा कैदी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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आजीवन कारावास की सजा काट रहा कैदी पुलिस के आला अफसर के सामने खड़ा है और शिकायत कर रहा है कि उसको भागने से रोकने वाले सुरक्षाकर्मी उसे छोड़कर न जाने कहाँ गायब हैं। आप मानें न मानें, पर हुआ कुछ ऐसा ही। हैलट अस्पताल में भर्ती फतेहगढ़ सेंट्रल जेल के एक कैदी की सुरक्षा में लगे चारों सिपाही गुम थे। तमतमाया कैदी पुलिस हिरासत से भागने की जगह सीधा डीआईजी के पास पहुँचा और सिपाहियों की शिकायत कर दी। मामले की जाँच स्वरूपनगर थाने को सौंपी गई है।ड्ढr सेंट्रल जेल से ओमकार सिंह को कड़ी सुरक्षा में इलाज के लिए हैलट अस्पताल भेजा गया था। उसका दाहिना हाथ टूट गया था। हिरासत से भाग न जाए इसके लिए फतेहगढ़ जेल प्रशासन ने हेड कांस्टेबल शिव कुमार, कांस्टेबल लुकमान खान, शोभिक पाल, विजय बहादुर को ओमकार के साथ भेजा था। यह खूँखार कैदी हैलट अस्पताल के वार्ड नम्बर 20 के बेड नम्बर 7 पर भर्ती किया गया था। दोपहर में उसने देखा कि उसकी सुरक्षा के लिए आए चारों सिपाही गायब थे। यह देख ओमकार बाहर आया रिक्शा किया और सीधे डीआईजी कानपुर परिक्षेत्र बृजभूषण शर्मा के आवास पहुँच गया। उसने कहा कि उसे जान का खतरा है। उसकी सुरक्षा को भेजे गए सिपाही न जाने कहाँ गायब हैं। डीआईजी ने तत्काल ओमकार को स्वरूपनगर पुलिस के हवाले किया और मामले की पड़ताल चौकी इंचार्ज हैलट के सुपुर्द कर दी। जाँच में सामने आया कि सिपाही लुकमान खान भोजन करने, शोभिक चाय पीने और विजय बहादुर अपना वेतन उठाने चले गए थे। हेड कांस्टेबल शिव कुमार जरूर वहाँ था, जिसने ओमकार को जाते देखा था। वह पीछे-पीछे भागा भी लेकिन ओमकार निकल चुका था। बरेली जिले के भभौरा गाँव निवासी ओमकार को पहले मृत्युदंड मिला था जो उम्रकैद में तब्दील हो गया।

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