उद्धव भी बोले, बाहरी बाहर जाआे
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने यूपी और बिहार के गरीब लोगों पर हिंसात्मक कार्रवाई करके जिस तरह से मराठियों का मन जीतने की कोशिश की है उससे उनके चाचा और शिवसेना प्रमुख बाल...
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने यूपी और बिहार के गरीब लोगों पर हिंसात्मक कार्रवाई करके जिस तरह से मराठियों का मन जीतने की कोशिश की है उससे उनके चाचा और शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे की पार्टी के अंदर बौखलाहट पैदा हो गई है। अब शिवसेना ने भी मराठियों के बीच अपने अस्तित्व को कायम रखने के लिए राज के सुर में सुर मिलाना शुरू कर दिया है। शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने राज वाले ही तेवर में कहा है कि मुंबई में विमानन सेवा में अगर बाहर से मजदूर आए तो उनको पार्सल विमान में बांधकर वापस भेज दिए जाएंगे। अभी पिछले दिनों ही बाल ठाकरे ने अपनी पार्टी के मुखपत्र सामना के सम्पादकीय में कहा था कि उनकी पार्टी मराठी माणुस का माई-बाप है। मगर राज ने जिस आक्रामक तरीके अपनाए हैं शिवसेना ने उत्तर भारतीयों के खिलाफ ऐसा रूख नहीं रखा है। शिवसेना किसी को भगाने की बात नहीं करती है। लेकिन राज और उद्धव के तीखे तेवर शनिवार को एक साथ दिखे। भाषा के आधार पर मीडिया को बांटते हुए राज ने मराठी मीडिया के सामने अपना दुखड़ा रोया और मराठी अस्मिता का इकलौता पहरू बतलाया था। राज ने यह भी कहा था कि दूसरी पार्टियों के कुछ नेताओं का उनको नैतिक समर्थन मिला हुआ है और इस तरह के विरोध शिवसेना करती रही है। उधर शिवसेना के नेता उद्धव ने भारतीय कामगार सेना के एक समारोह में कहा कि विमानन सेवा में मराठी युवकों की उपेक्षा की गई तो यहां बाहरी मजदूर बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। अगर बाहरी लोग आए तो उनको बांधकर उसी विमान में सवार करके भगा दिया जाएगा। बता दें कि मुंबई हवाई अड्डे के आधुनिकीकरण के बाद एक लाख लोगों को रोजगार मिलेंगे। शिवसेना ने आगामी चुनाव को ध्यान में रखते हुए अपने मराठी वोट बटोरने के लिए इस तरह की रणनीति तेज की है। उद्धव ने इसी सभा में यह भी साफ किया कि शिवसेना ही मराठी के लिए लड़ने वाला योद्धा है।