किसानों के मुद्दे पर विपक्ष ने नहीं चलने दी विधान परिषद
गन्ना किसानों के मुद्दे पर सपा और भाजपा ने विधान परिषद नहीं चलने दी। बजट पेश होने के साथ ही सपा के सदस्य वेल में आकर बैठ गए। कांग्रेस खामोश रही। हंगामे के चलते सभापति को दो बार विधान परिषद की...
गन्ना किसानों के मुद्दे पर सपा और भाजपा ने विधान परिषद नहीं चलने दी। बजट पेश होने के साथ ही सपा के सदस्य वेल में आकर बैठ गए। कांग्रेस खामोश रही। हंगामे के चलते सभापति को दो बार विधान परिषद की कार्यवाही स्थगित कर दी। हंगामा न थमने पर सभापति ने बुधवार तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। विधान परिषद में मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2008-200ा बजट पेश किया गया। बजट पेश होते ही सपा सदस्य गन्ना किसानों के मुद्दे पर कार्यस्थगन की सूचना को लेकर वेल में आ गए। नेता विपक्ष अहमद हसन ने कहा कि राज्य में 12 चीनी मिलें बंद पड़ी हैं। किसान बेहाल हैं। सपा सदस्य सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे। भाजपा ने भी किसानों का मुद्दा उठाया और सदन से बर्हिगमन किया। हंगामा बढ़ता देख सभापति ने सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी। इस दौरान सपा सदस्य वेल में ही धरना देते रहे। सभापति के दोबारा आते ही फिर नारे बाजी शुरू हो गई। रालोद के सदस्यों ने गन्ना किसानों की समस्याआें को लेकर सदन में बैनर लहराए। सभापति ने आधे घंटे के लिए कार्यवाही फिर स्थगित कर दी। दिन बारह बजे सभापति ने विधान परिषद की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी। सपा ने अभिभाषण पर आपत्ति उठाईड्ढr विधानसभा में मंगलवार को वित्त मंत्री के बजट पेश करने के पहले नेता विपक्ष मुलायम सिंह यादव ने आपत्ति जताते हुए कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण पूरी तरह से गलत था और उसमें तथ्यों की गलती थी। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब है। सपा के सदस्यों ने राज्यपाल के पिछली आठ फरवरी के अभिभाषण पर आपत्ति उठाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। विधानसभाध्यक्ष सुखदेव राजभर ने सदस्यों से अनुरोध किया कि पहले वित्त मंत्री को बजट पेश करने दिया जाए। बाद में सबकी सुनी जाएगी, लेकिन सपा के सदस्य नहीं माने। वित्त मंत्री का बजट भाषण शुरू होते ही पहले भाजपा सदस्यों ने सरकार की नीतियों के खिलाफ बहिर्गमन किया। बाद में नेता विपक्ष मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में सपा सदस्य भी नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए। श्री यादव ने सदन के बाहर संवाददाताओं से कहा कि नेता विपक्ष होते हुए यह मेरी जिम्मेदारी है कि संविधान का उल्लंघन न होने दूँ।