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जाफर की फॉर्म पर टिकी हैं कोच आमरे की उम्मीदें

दिलीप ट्रॉफी के वो भी 16 बार के चैंपियन हैं और हम भी। इस बार हमने भी दो मैच जीते हैं और उत्तर ने दो मैच जीते हैं। इसलिए यह देखना रोचक होगा कि इस बार जब दोनों फाइनल में आमने-सामने हो रहे हैं तो बाजी...

 जाफर की फॉर्म पर टिकी हैं कोच आमरे की उम्मीदें
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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दिलीप ट्रॉफी के वो भी 16 बार के चैंपियन हैं और हम भी। इस बार हमने भी दो मैच जीते हैं और उत्तर ने दो मैच जीते हैं। इसलिए यह देखना रोचक होगा कि इस बार जब दोनों फाइनल में आमने-सामने हो रहे हैं तो बाजी मार कौन 17वीं बार चैंपियन बनने में सफल रहेगा। रविवार को वानखेड़े स्टेडियम में अभ्यास के लिए पहुंची पश्चिम क्षेत्र की टीम के कोच प्रवीण आमरे ने इस टिप्पणी से यह जताने का प्रयासा किया है कि उत्तर और पश्चिम क्षेत्र की टीम बराबर की टर वाली हैं। उत्तर क्षेत्र की मजबूत बेबाजी के सवाल पर आमरे ने कहा, हमारे पास वसीम जाफर और अजिनकेय रहाणे हैं। दोनों ही पिछले मैच में शतकीय पारियां खेल चुके हैं। उत्तर क्षेत्र की टीम देर शाम यहां पहुंची और टीम सोमवार को सुबह अभ्यास करेगी। आमरे को जाफर के ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज में असफल रहने की जरा भी चिंता नहीं है। इस बारे में सवाल पर उन्होंने दार्शनिक अंदाज में कहा, जो बीत गया सो बीत गया। अब जाफर आगे देख रहा है। उसने ऑस्ट्रेलिया से लौटते ही शतक लगाने शुरू कर दिए हैं। दिलीप ट्रॉफी फाइनल में वह टीम को संभालेगा। आमरे को जाफर की क्षमता पर इसलिए भरोसा है कि ऑस्ट्रेलिया से लौटते ही उन्होंने मुंबई में अपने नेशनल क्लब के लिए स्थानीय मैच में शतक ठोका और इसके बाद इंग्लैंड लायंस के खिलाफ वडोदरा में खेले दिलीप ट्रॉफी के पिछले मैच में भी शतक जमाया है। उन्होंने कहा, जाफर शतकीय फॉर्म को पा ही चुका और उसकी मौजूदगी टीम के युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करने वाली है। वह रणजी ट्रॉफी में मुंबई के लिए कुछ मैच नहीं खेल सके और इसका नुकसान हमें उठाना पड़ा। लेकिन मुझे उम्मीद है कि वह दिलीप ट्रॉफी जरूर जितवाएंगे। लगभग तीन घंटे के अभ्यास सत्र के दौरान जाफर ने नेट पर बेबाजी के बाद चेतेश्वर पुजारा को लेकर फ्रंटफुट पर शॉट खेलने के लिए जमकर नॉकिंग भी की। पश्चिम क्षेत्र की टीम से मुंबई के ऑफ स्पिनर रमेश पोवार की छुट्टी किए जाने पर आमरे ने कहा, वडोदरा में चयन समिति के अघ्यक्ष दिलीप वेंगसरकर मौजूद थे और उन्होंने पोवार की गेंदबाजी देखने के बाद ही यह फैसला किया है। इस मैच में उसे एक भी विकेट नहीं मिला। उसकी जगह गुजारात के मोहनीश को रखा गया है उसने रणजी ट्रॉफी में प्लेट डिवीजन में अपनी टीम के चैंपियन बनने के दौरान 36 विकेट चटकाए हैं। हमारी एक संतुलित टीम है। आमरे ने यह मानने से इनकार कर दिया कि दिलीप ट्रॉफी का महत्व घटता जा रहा है? उन्होंने कहा, ऐसा नहीं है, युवा खिलाड़ियों के लिए यह एक बड़ा प्लेटफॉर्म है और इसमें खिलाड़ियों का प्रदर्शन नोटिस होता है। अब वैसे काफी टूर्नामेंट होने लगे हैं, हमारे जमाने में यह बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होता था।

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