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कर्ज के मामले में लालू झूठ बोल रहे : मोदी

उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने रेल मंत्री लालू प्रसाद के उस दावे को निराधार बताया है कि राजद शासनकाल में सरकार ने एक नए पैसे का भी कर्ज नहीं लिया। श्री मोदी ने आंकड़ों के सहारे बताया कि रेलमंत्री...

 कर्ज के मामले में लालू झूठ बोल रहे : मोदी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने रेल मंत्री लालू प्रसाद के उस दावे को निराधार बताया है कि राजद शासनकाल में सरकार ने एक नए पैसे का भी कर्ज नहीं लिया। श्री मोदी ने आंकड़ों के सहारे बताया कि रेलमंत्री सफेद झूठ बोल रहे हैं। सच यह है कि 10 में जब श्री प्रसाद मुख्यमंत्री बने, उस समय सरकार पर 6300. 81 करोड़ रुपये का कर्ज था। यह वित्तीय वर्ष 2004-05 तक बढ़कर 30रोड़ रुपया हो गया। राजद शासनकाल में कुल 24642. 12 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया।ड्ढr ड्ढr उन्होंने कहा कि पिछले दो वित्तीय वषरे मंे राज्य सरकार ने भारत सरकार और आंतरिक स्रेतों से अपेक्षाकृत कम कर्ज लिया। इसके बावजूद योजना व्यय पहले की तुलना में अधिक हुआ। पिछले वित्तीय वर्ष में सरकार ने बाजार से कोई कर्ज नहीं लिया। राजकोषीय दायित्व एवं प्रबंधन अधिनियम लागू होने के चलते राज्य मंे वित्तीय अनुशासन कायम है। इसके चलते एक निश्चित सीमा से अधिक कर्ज लिया ही नहीं जा सकता है। श्री मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद केंद्रीय मंत्री भी हैं। उन्हें इस बात की जानकारी होगी कि केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2005-06 से राज्य की वार्षिक योजना के लिए कर्ज देना बंद कर दिया है। नतीजतन राज्य योजना के लिए बाजार या अन्य स्रेत से कर्ज लेना पड़ता है। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक का ब्याज दर पांच प्रतिशत है। सिर्फ नाबार्ड से 6.5 फीसदी ब्याज दर पर कर्ज उपलब्ध है। नाबार्ड से चार-पांच सौ करोड़ रुपये तक का कर्ज लिया जा सकता है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले सरकार कर्ज लेकर उसे वेतन, पेंशन मद में खर्च कर देती थी। जबकि एनडीए की सरकार में सिद्धांत रूप में मान लिया गया है कि कर्ज की राशि विकास मद में खर्च होगी। ई-गवर्नेस, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में पारंगत होने की अफसरों को सलाहड्ढr पटना (हि.ब्यू.)। प्रदेश के कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार सचिव आमिर सुबहानी ने बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को ई-गवर्नेस, प्रोजेक्ट मैनेजमेन्ट, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप, मिशन आदि कार्यो में पारंगत होने की सलाह दी है। राज्य सिविल सेवा के संघों के अखिल भारतीय महाधिवेशन के उद्घाटन अवसर पर श्री सुबहानी ने कहा कि इस प्रतियोगी दौर में जो सबसे बढ़िया काम करेगा वहीं आगे बढ़ेगा। प्रशासनिक अधिकारियों को परम्परागत सोच की जगह पर निजी क्षेत्र से पब्लिक मैनेजमेन्ट के गुर सिखने होंगे। जनता को ग्राहक मानकर उनकी इच्छाओं की पूर्ति करनी होगी। आंघ्र प्रदेश में पिछले दस वर्षो से इस तरह के कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी सेवा के लोगों का राज्य के विकास में समान योगदान है। जो इससे इतर सोचते हैं वे सही नहीं हैं। इसके पूर्व श्री सुबहानी ने अखिल भारतीय राज्य सिविल प्रशासनिक सेवा संघों के फेडरेशन के 15वें महाधिवेशन की स्मारिका का विमोचन किया। महाधिवेशन में राज्य पुल निर्माण निगम के अध्यक्ष प्रत्यय अमृत ने कहा कि नये दौर में प्रशासनिक अधिकारियों की चुनौती बढ़ रही है और बढ़िया काम का कोई विकल्प नहीं है। इस अवसर पर फेडरेशन के महासचिव जीबन चक्रवर्ती ने राज्य प्रशासनिक अधिकारियों की समस्या पर गहन प्रकाश डालते हुए राज्य के 50 फीसदी उच्च पदों पर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को तैनात करने की मांग की। उन्होंने कहा कि इनमें अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, प्रमंडलीय कमिश्नर आदि पद भी शामिल हो। आईएएस में प्रोन्नति के मानक में बदलाव हो। उन्होंने वेतनमान एवं भत्तों में पूरे देश में एकरूपता की मांग भी की। महाधिवेशन में 13 राज्य के प्रतिनिधि उपस्थित हुए। फेडरेशन को उपाध्यक्ष आरसी जैन, बासा के अध्यक्ष केएम शर्मा व महासचिव विपीन कुमार सिन्हा समेत अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों ने भी संबोधित किया।ंं

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