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Hindi News ..एही ठहियां मोतिया हेराय गइले हो राम

..एही ठहियां मोतिया हेराय गइले हो राम

सांस्कृतिक संस्था सोहनी द्वारा शनिवार को इस्पात क्लब में शास्त्रीय संगीत की एक शाम कार्यक्रम की प्रस्तुति की गयी। इसमें कोलकाता की शास्त्रीय संगीत की सुर कोकिला विदुषी पूर्णिमा चौधरी ने गायन की कई...

 ..एही ठहियां मोतिया हेराय गइले हो राम
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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सांस्कृतिक संस्था सोहनी द्वारा शनिवार को इस्पात क्लब में शास्त्रीय संगीत की एक शाम कार्यक्रम की प्रस्तुति की गयी। इसमें कोलकाता की शास्त्रीय संगीत की सुर कोकिला विदुषी पूर्णिमा चौधरी ने गायन की कई शैलियों को श्रोताआें के सम्मुख रखा। पूर्णिमा ने सुगम शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश-विदेश में अनगिनत कंसर्ट किये हैं। पूर्णिमा ने दादरा, ठुमरी, टप्पा, चैती और होरी का गायन किया। बनारस घराने की ठुमरी को लोगों ने खूब पसंद किया। खासतौर पर छवि दिखलाजा बांके सांवरिया और ..एही ठहियां मोतिया हेराय गइले हो रामा पर खूब तालियां बजीं। पूर्णिमा पंडित महादेव मिश्रा की शिष्या रही हैं। पद्मभूषण गिरिजा देवी के मार्गदर्शन में उन्होंने संगीत की विधिवत शिक्षा ग्रहण की है। उनके साथ संगत कर रहे कोलकाता से आये सुब्रत गुप्ता ने तबले वादन का सोलो परफार्म किया। हारमोनियम पर सनातन गोस्वामी ने संगत की। कार्य्रकम की अगली कड़ी के रूप में जमशेदुपर के निलंजन मित्रा ने भोकल गायन में सुरों की बरसात की। उनके साथ अमिताभ सेन ने तबला और सोमिरन चटर्जी ने हारमोनियम पर संगत की। कार्यक्रम में काफी संख्या में बांग्लाभाषी समुदाय के श्रोता उपस्थित थे।

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