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कैदी को मोबाइल देने गई माशूका गिरफ्तार

इश्क में जुदाई और एक-दूजे की तन्हाई। जब ऐसी घड़ी आती है तो आशिक और माशूका अपनी मुलाकात और प्यार भरी बातों की सौगात पाने की खातिर कुछ भी कर गुजरते हैं। चाहे अंजाम भयावह व बदनुमा ही क्यों न हो। इसी...

 कैदी को मोबाइल देने गई माशूका गिरफ्तार
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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इश्क में जुदाई और एक-दूजे की तन्हाई। जब ऐसी घड़ी आती है तो आशिक और माशूका अपनी मुलाकात और प्यार भरी बातों की सौगात पाने की खातिर कुछ भी कर गुजरते हैं। चाहे अंजाम भयावह व बदनुमा ही क्यों न हो। इसी जज्बात की एक बानगी उस समय बेउर केन्द्रीय जेल के गेट पर दिखी जब वहां बंद अपने आशिक प्रभात कुमार से मिलने के बहाने मोबाइल का तोहफा पहुंचाने प्रेमिका रेशमा (काल्पनिक नाम) पहुंच गई। हालांकि मुहब्बत के जोश पर कानून के पहरूओं की चौकसी व पहरेदारी भारी पड़ी और रेशमा एक अन्य युवक के साथ मौके पर ही पकड़ी गई। इसके बाद जब पूछताछ शुरू हुई तो असलियत सुनकर जेल और बेउर थाने के अधिकारी भी चौंक गये। सोमवार को बेउर थानाध्यक्ष कैसर आलम ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर रेशमा (मोकामा) के साथ ही गिरफ्तार अमित कुमार (इस्लामपुर) नालंदा को भी जेल भेज दिया गया है।ड्ढr ड्ढr मोटरसाइकिल लूट के मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बाद फरवरी 2007 से रेशमा का ‘हीरो’ प्रभात जेल में है। फिलहाल वह बेउर जेल के वार्ड नंबर 21में बंद है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रविवार को प्रभात की प्रेमिका रेशमा उसके गृह इलाके के दोस्त अमित के साथ मुलाकात करने जेल पर पहुंची। मुलाकात के क्रम में ही दोनों ने प्रभात तक मोबाइल पहुंचाने की योजना बना रखी थी। रेशमा ने अपने पर्स में मोबाइल को छिपा रखा था।ड्ढr मुलाकात से पूर्व जेल गेट पर हो रही औपचारिकताओं व छानबीन के दौरान वहां तैनात कक्षपालों व अन्य पुलिसकर्मियों को दोनों की गतिविधियां संदिग्ध लगी। जब गहराई से पड़ताल शुरू हुई तो असलियत सामने आ गया और कैदी तक पहुंचने से पहले ही पर्स में रखे चार्जर व मोबाइल जब्त कर लिये गये।

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