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गंगा को बचाकर ही सूबे का विकास संभव : विजेन्द्र

गंगा जीवनदायी नदी है। यह हमें बाढ़ के साथ-साथ खेती करने के लिए उपजाऊ भूमि भी देती है। गंगा को बचाकर ही राज्य का विकास हो सकता है। अगर गंगा को बचाना है तो पहले हमें इसके सभी आयामों सामाजिक, आर्थिक एवं...

 गंगा को बचाकर ही सूबे का विकास संभव : विजेन्द्र
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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गंगा जीवनदायी नदी है। यह हमें बाढ़ के साथ-साथ खेती करने के लिए उपजाऊ भूमि भी देती है। गंगा को बचाकर ही राज्य का विकास हो सकता है। अगर गंगा को बचाना है तो पहले हमें इसके सभी आयामों सामाजिक, आर्थिक एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से विचार करना होगा। उक्त बातें ऊर्जा मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव ने सोमवार को छात्र जदयू द्वारा आयोजित एक व्याख्यान में कहीं। व्याख्यान का विषय था ‘गंगा का सामाजिक, आर्थिक एवं वैज्ञानिक विश्लेषण’। कार्यक्रम का संचालन छात्र जदयू के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद कुमार निषाद ने किया।ड्ढr ड्ढr श्री यादव ने कहा कि गंगा के विषय में हमारी जो धारणा है उसे भुलाया नहीं जा सकता है। सभी लोग इसे अच्छी तरह से जानते हैं। मुख्य वक्ता केन्द्रीय जल आयोग के पूर्व अध्यक्ष गोकुल प्रसाद ने कहा कि गंगा का निराकरण तभी होगा जब बुजूगरे की सोच एवं युवाआें का जोश एक साथ शामिल हो। गंगा को कैसे बचाया जाए इसके लिए जन-आंदोलन करने की आवश्यकता है। केवल सरकार से कुछ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कोई भी काम तभी सफल होगा जब सरकार एवं जनता मिलजुल कर कार्य करें। इस मौके पर बिहार विधानसभा की सत्तारूढ़ दल उपनेता रेणु कुमारी, जल संसाधन अध्ययन केन्द्र के पूर्व निदेशक प्रो. टी.प्रसाद, रीतेश कुमार, नवल किशोर यादव, संजीव रंजन एवं पवन रजक सहित कई लोगों अपने विचार व्यक्त किए।ड्ढr ड्ढr पटना जिले में कृषि विकास के लिए 122 करोड़ की जरूरतड्ढr पटना (हि.प्र.)। पटना जिला का कृषि रोड मैप तैयार कर लिया गया है। रोड मैप में अगले चार वषरे में 122 करोड़ रुपये खर्च करने पर जोर दिया गया है। पटना जिला कृषि पदाधिकारी गणेश राम ने बताया कि रोड मैप को सरकार के सचिव के पास भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि रोड मैप में बीज ग्राम योजना, कृषि तकनीक, किसानों का प्रशिक्षण, कृषि यंत्रों पर 50 फीसदी अनुदान की योजना आदि को प्रमुखता से शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि जिला में कृषि विकास दर का लक्ष्य छह फीसीदी रखा गया है। वर्ष 2008 से 2011 तक के लिए रोड मैप बनाया गया है। पहले वर्ष में 3435, दूसरे में 3022, तीसरे में 2व चौथे वर्ष में 2831 लाख रुपये खर्च करने का प्रस्ताव सरकर के पास भेजा गया है। इसके अलावा सहकारिता में अगले चार वर्ष के लिए 12 करोड़ व डेयरी के लिए सवा 12 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है।ं

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