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विषाक्त भोजन से बीमार मरीजों की संख्या 800 तक पहुंची

ारबिसगंज में विषाक्त भोजन खाने से बीमार लोगों की संख्या आठ सौ पहुंच गयी है। इलाज के दूसरे दिन सोमवार को भी दर्जनों मरीजों की स्थिति नाजुक बनी हुई है। काफी संख्या में स्कूली छात्र-छात्राएं तथा सीबीएसई...

 विषाक्त भोजन से बीमार मरीजों की संख्या 800 तक पहुंची
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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ारबिसगंज में विषाक्त भोजन खाने से बीमार लोगों की संख्या आठ सौ पहुंच गयी है। इलाज के दूसरे दिन सोमवार को भी दर्जनों मरीजों की स्थिति नाजुक बनी हुई है। काफी संख्या में स्कूली छात्र-छात्राएं तथा सीबीएसई से जुड़े परीक्षार्थी भी इस रोग की चपेट में आ गये हैं। मरीजों की बढ़ रही संख्या के कारण अस्पताल परिसर में टेंट लगाया गया है। दिलचस्प बात यह है कि सम्पन्न भोज के आयोजक समेत वर-वधू की स्थिति भी नाजुक बनी हुई है जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भोज में खाना बनाने वाले रसोइया भी अस्पताल में भर्ती हैं।ड्ढr ड्ढr युद्धस्तर पर जारी इलाज के बावजूद मरीजों के परिजनों की चीत्कार से अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी का माहौल है तथा जिला पदाधिकारी द्वारा दूरभाष पर पल-पल की रिपोर्ट ली जा रही है। बताया जाता है कि रविवार की देर रात तक पहुंची तकरीबन चार सौ मरीजों में लगभग 75 फीसदी मरीजों को छुट्टी दे दी गयी थी। मगर सोमवार की सुबह पुन: मरीजों की भीड़ लग गयी। भीड़ के मद्देनजर जिला मुख्यालय से दवा की आपूर्ति की गयी है। भोज के आयोजक पक्ष शिक्षक जय प्रकाश मिश्र, उसकी पत्नी शिक्षिका भारती मिश्रा, बेटा जिनकी शादी हुई थी प्रफुल्ल आनंद, नववधू अनामिका मिश्रा, शिक्षक पुत्र पंकज मिश्र समेत दर्जनभर परिजन स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराये गये हैं। कई छात्र-छात्राएं भी इस विषाक्त भोजन की चपेट में आ गयी हैं। कई छात्र इस गंभीर परिस्थिति में भी सीबीएसई की परीक्षा दे रहे हैं। स्थानीय विद्या मंदिर के छात्र हेमेन्द्र कुमार, धीरज कुमार तथा अजय चौधरी बीमारी हालत में स्थानीय एमपीएस में परीक्षा देते दिखे। वहीं एमपीएस की छात्रा प्रीति कुमारी, अनामिका कुमारी, अनुकृति तथा शिखा गंभीर अवस्था में स्थानीय अस्पताल में इलाज करवा रही हैं।ड्ढr ड्ढr इधर घटना की बाबत स्थानीय प्रशासन समेत कई जनप्रतिनिध लगातार कैंप किये हुए हैं। हालांकि मरीजों तथा परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। इसके बावजूद चिकित्सकों द्वारा नियंत्रण की बात कही जा रही है। रेफरल प्रभारी डा. हरि किशोर सिंह एवं डा. अजय कुमार सिंह ने बताया कि मरीजों को विषाक्त भोजन का असर दो दिनों तक रह सकता है। उन्होंने दवा की कमी से इनकार करते हुए कहा कि जनसहयोग के कारण ही हालात पर काबू पाया जा सका है। वहीं बढ़ती भीड़ के मद्देनजर प्रशासनिक व्यवस्था चुस्त-दुरूस्त कर दिया गया है। एसडीआे अनिल कुमार, कार्यपालक दण्डाधिकारी इंद्रदेव राम , डीएसपी जितेन्द्र मिश्रा तथा थाना प्रभारी चित्तरंजन ठाकुर लगातार अस्पताल में कैंप कर रहे हैं।

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