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रोक हटी,छात्रसंघ चुनाव अगले सत्र में

प्रदेश में छात्रसंघ चुनावों पर से रोक हटा ली गई है। अब अगले शैक्षिक सत्र में ये चुनाव होंगे। चुनाव लड़ने वालों पर कड़ी शर्ते लागू होंगी। अब न्यूनतम 17 से अधिकतम 22 साल तक के ग्रेजुएट छात्र, 24-25 साल...

 रोक हटी,छात्रसंघ चुनाव अगले सत्र में
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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प्रदेश में छात्रसंघ चुनावों पर से रोक हटा ली गई है। अब अगले शैक्षिक सत्र में ये चुनाव होंगे। चुनाव लड़ने वालों पर कड़ी शर्ते लागू होंगी। अब न्यूनतम 17 से अधिकतम 22 साल तक के ग्रेजुएट छात्र, 24-25 साल के पोस्ट ग्रेजुएट छात्र और 28 साल तक के शोध छात्र ही चुनावी मैदान में किस्मत आजमा सकेंगे। कक्षाओं में न्यूनतम 75 प्रतिशत उपस्थिति, जो भी अधिक हो होनी चाहिए। खर्च की अधिकतम सीमा भी पाँच हजार रुपए तय कर दी गई है। प्रचार के लिए अब पोस्टर छपवाया नहीं जा सकेगा। हाथ से निर्मित पोस्टर ही लगाने होंगे। लाउडस्पीकर, वाहनों और जानवरों को प्रचार में उतारने पर भी रोक लगा दी गई है।ड्ढr बुधवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि छात्रसंघ चुनावों के सभी पहलुओं पर विचार करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने लिंगदोह समिति की सिफारिशों को सिद्धांतत: स्वीकृति देने की संस्तुति की है। इसे सरकार ने मंजूर करते हुए छात्रसंघ चुनाव वर्ष 2008-0े शैक्षिक सत्र से कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में चुनाव के नाम पर व्याप्त गुंडागर्दी और अराजक तत्वों द्वारा की जाने वाली हिंसा को रोकने के लिए गत वर्ष सात सितम्बर को छात्रसंघों के चुनाव पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया था। इस निर्णय से शैक्षिक वातावरण में काफी सुधार हुआ है और इस वर्ष सत्र नियमित हो गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि छात्रसंघ चुनाव यथासंभव प्रत्यक्ष चुनाव के माध्यम से कराए जाएँगे। विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में छात्रों द्वारा ही छात्रसंघ पदाधिकारियों को वोट डालकर चुना जाएगा। ऐसा कोई व्यक्ित जो विवि व महाविद्यालय का छात्र न हो, चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकेगा। यदि कोई प्रत्याशी, व्यक्ित या छात्र संगठन का सदस्य नियम तोड़ेगा तो उस पर अनुशासनिक कार्रवाई होगी। उसका अभ्यर्थन भी खत्म किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुल 10 दिनों में पूरा चुनाव संपन्न हो जाएगा, इसमें प्रचार अवधि भी शामिल रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव प्रतिवर्ष सत्र प्रारंभ होने की तिथि से छह से आठ सप्ताह के मध्य कराए जाएँगे। उन्होंने कहा कि प्रत्याशी का पिछला कोई आपराधिक रिकॉर्ड न हो। जैसे उसके पर कोई आपराधिक मुकदमा न चला हो या उसे किसी आपराधिक मामले में सजा न सुनाई गई हो।ड्ढr ं

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