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आग का कहर, झुलसने लगीं जिंदगियां

चमड़ी झुलसाने वाली गर्म हवा के थपेड़े अभी आये भी नहीं कि बसंती बयार में ही अग्नि ने कहर बरपाना शुरू कर दिया। महज एक पखवारे के अंदर जिले में सात लोगों की जिंदगियां आग की लपटों ने लील ली।...

 आग का कहर, झुलसने लगीं जिंदगियां
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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चमड़ी झुलसाने वाली गर्म हवा के थपेड़े अभी आये भी नहीं कि बसंती बयार में ही अग्नि ने कहर बरपाना शुरू कर दिया। महज एक पखवारे के अंदर जिले में सात लोगों की जिंदगियां आग की लपटों ने लील ली। रूपसपुर-दानापुर में तीन जबकि मसौढ़ी में चार लोगों की मौत आग से झुलस कर हो गई। किसी का सुहाग उजड़ा तो किसी की घर-गृहस्थी बर्बाद हो गई। किसी का संपत्ति नुकसान हुआ तो कोई बेऔलाद हो गया।ड्ढr ड्ढr हालांकि अग्निशमन विभाग अपनी ही बदहाली पर आंसू बहा रहा है। विभाग में अब भी ‘दादा आजम’ के जमाने वाली स्थिति ही है। पटना जिले की करीब 50 लाख की आबादी को बचाने के लिए राजधानी के अलावा सिटी और दानापुर में मात्र तीन फॉयर स्टेशन हैं। यहां जो थोड़े-बहुत दमकल उपलब्ध हैं उनमें किसी का बैट्री खराब तो किसी के पाइप में लीकेज है जिससे आग तक पानी पहुंचने के बजाये रास्ते में ही बह जाता है। मसौढ़ी इलाके में रविवार की रात गैस सिलेंडर लीक होने से अचानक आग लगी और एक साथ मां समेत तीन बच्चे जल कर मर गये। इलाके में अग्निशमन केन्द्र भी नहीं है नतीजतन लोगों ने ही किसी तरह आग बुझाया। बाढ़ और मसौढ़ी जैसे दूरदराज के अनुमंडल मुख्यालयों में अग्निशमन केन्द्र नहीं होने के कारण आने वाली गर्मी में लाखों की आबादी अगलगी की विनाश लीला को लेकर खौफजदा है।ड्ढr ड्ढr गांव-देहात में गेहूं कटनी और दउनी का सीजन आने वाला है। ऐसे में खेत-खलिहानों में जेनरेटर, थ्रेसर या बिजली के तारों की चिंगारी तबाही का पैगाम ला सकती है। तेज हवा के झोकों के बीच आग फैलती जाती है लोग असहाय की तरह देखते रह जाते हैं। दूसरा कोई विकल्प अगर है भी तो वह आग की भीषणता के आगे बौना साबित होता है। सूचना मिलने के बाद दानापुर, सिटी या पटना से दमकल पहुंचने में खासा वक्त लगता है। नतीजतन तब तक बचाव की दृष्टि से बहुत देर हो जाती है। कहने का मतलब वहां दमकल पहुंचता तो है लेकिन महज औपचाकिरता निभाने के लिए।

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