फोटो गैलरी

Hindi News इक बँगला बने न्यारा..उफ महँगाई ने मारा

इक बँगला बने न्यारा..उफ महँगाई ने मारा

बेकाबू होती महँगाई ने निर्माण कार्य करवाने वालों का बजट बिगाड़ कर रख दिया है। पिछले एक महीने के भीतर ही सरिया, सीमेण्ट, ईंटा, गिट्टी की कीमतों में तेजी से इजाफा हुआ है। बिक्री घट जाने से बेचने वाले...

 इक बँगला बने न्यारा..उफ महँगाई ने मारा
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
ऐप पर पढ़ें

बेकाबू होती महँगाई ने निर्माण कार्य करवाने वालों का बजट बिगाड़ कर रख दिया है। पिछले एक महीने के भीतर ही सरिया, सीमेण्ट, ईंटा, गिट्टी की कीमतों में तेजी से इजाफा हुआ है। बिक्री घट जाने से बेचने वाले तो निराश हैं ही, खरीदने वालों को भी अब यह फिक्र सता रही है कि अगर अभी काम रोक दिया तो क्या गारण्टी है कि आगे दाम कम हो ही जाएँगे। निर्माण सामग्री का खुदरा बाजार तो यही संकेत दे रहा है कि आने वाले दिनों में कीमतें कम नहीं होंगी बल्कि बढ़ सकती हैं।ड्ढr एक माह पहले तक 28-2पए किलो के भाव बिकने वाली सरिया इन दिनों 45-46 रुपए किलो के भाव हो चली है। एंगल और पट्टी में भी 10 से 12 रुपए किलो की बढ़ोतरी हुई है और इस वक्त यह 42-43 रुपए किलो के भाव हो गई है। अलीगंज स्थित यादव लोहा भण्डार के राजेश यादव के अनुसार लोहे की कीमतों में आई इस तेजी के चलते बिक्री घटकर आधी रह गई है। बढ़ती कीमतों की वजह की पड़ताल के दौरान कानपुर की आरएचएल कम्पनी के स्थानीय डीलर सुनील सोनी ने इस बात से इनकार किया यह महँगाई डीजल के दाम बढ़ने से ढुलाई भाड़ा महँगा होने का नतीजा है। उन्होंने कहा कि लोहे पर उ.प्र. में चार फीसदी वैट लागू है, इस वजह से भी लोहा महँगा होने का प्रश्न नहीं उठता। दरअसल सरिया, एंगल, पट्टी बनाने वाली कम्पनियों को कच्चा माल यानि इंगट ही महँगा मिलने लगा है। अब यह इंगट क्यों महँगा हुआ, इसकी वजह तो फर्नेस वाले ही बता सकते हैं। सिर्फ आरएचएल ही नहीं बल्कि टाटा की सरिया और एंगल पट्टी भी महँगे हुए हैं। टाटा की सरिया इस वक्त 46 से 47 रुपए किलो की दर से बिक रही है और एंगल पट्टी 43-44 रुपए किलो के भाव। ऐशबाग स्थित नवदुर्गा स्टील के रामजी लोहे की कीमतों में आई इस तेजी के लिए केन्द्र सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हैं।ड्ढr लोहे के अलावा सीमेण्ट के दाम भी बढ़ रहे हैं। इस वक्त खुदरा बाजार में एसीसी सीमेण्ट 210 से 212 रुपए प्रति बोरी की दर से बिक रही है। पन्द्रह दिन पहले एसीसी सीमेण्ट 1पए प्रति बोरी के भाव बिक रही थी। जबकि डायमण्ड सीमेण्ट 10 रुपए प्रति बोरी के भाव है। पुराने लखनऊ में शीशमहल के निकट एसीसी सीमेण्ट की एजेंसी चलाने वाले रजा के मुताबिक कम्पनी सीमेण्ट महँगा दे रही है इसलिए उन्हें भी महँगा बेचना पड़ रहा है। सीतापुर रोड पर लाईम स्टोर चलाने वाले खालिद ने बताया कि इस वक्त मौरंग 18 रुपए प्रति फुट, गंगा की बालू 10 रुपए और पौन इंची गिट्टी 32 रुपए फुट के भाव है। इन सभी में दो से चार रुपए फुट की तेजी है। इसकी वजह यह बताई गई कि मार्च के महीने में आरटीआे की सख्ती की वजह से गाड़ियों की कमी हो गई है इसलिए मौरंग, बालू, गिट्टी के भाव बढ़ गए हैं।ड्ढr ईंट भट्ठा मालिकों द्वारा पिछले दिनों चलाए गए आन्दोलन के बाद अब अव्वल ईंट 10 हजार 400 रुपए की चार हजार हो गई है। बीस दिन पहले यही ईंट नौ हजार रुपए प्रति चार हजार के भाव बिक रही थी। ईंट भट्टा संचालकों के प्रतिनिधि प्रमोद चौधरी के अनुसार प्रदेश सरकार से ईंट पर वैट 12.5 प्रतिशत से घटाकर चार फीसदी किए जाने की माँग की जा रही है। हालाँकि शासन में इस पर विचार भी चल रहा है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें