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जेल से भागे आधा दर्जन अपराधी

सुरक्षा व्यवस्था को धत्ता बताते हुए मंडल कारा लोहरदगा से आधा दर्जन कैदी फरार हो गये। हालांकि पुलिस की सजगता के कारण पांच को पकड़ लिया गया, जबकि अंतरप्रांतीय डकैत गिरोह का सदस्य सुरेंद्र उरांव उर्फ...

 जेल से भागे आधा दर्जन अपराधी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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सुरक्षा व्यवस्था को धत्ता बताते हुए मंडल कारा लोहरदगा से आधा दर्जन कैदी फरार हो गये। हालांकि पुलिस की सजगता के कारण पांच को पकड़ लिया गया, जबकि अंतरप्रांतीय डकैत गिरोह का सदस्य सुरेंद्र उरांव उर्फ सुरंेद्र भगत भागने में सफल रहा। जिन अपराधियों को पुलिस ने जेल अहाते के अंदर और भागने के दौरान निर्माणाधीन घर में से पकड़ा, उनमें अगलगी मामले का आरोपी कार्तिक उरांव, भाकपा माआेवादी उग्रवादी मोहन लोहरा, डकैती का आरोपी धर्मदेव दास उर्फ चरकू, अपहरण मामले में बंद विजय राम वर्मा उर्फ गुड्डू बैठा, बलात्कार का आरोपी अमजद खान शामिल है। फरार अंतरप्रांतीय शातिर अपराधी सुरेंद्र उरांव लोहरदगा के सेन्हा थाना अंतर्गत तेतरटोली निवासी लालू भगत का बेटा है। राजधानी रांची और लोहरदगा की पुलिस ने उसे कुख्यात अपराधी बुद्धा मीर के साथ गिरफ्तार किया था। अधिकृत सूत्रों ने बताया कि 13-14 मार्च की रात लगभग दो बजे मंडल कारा के वार्ड सात की खिड़की का एक इंच व्यास का रॉड काट कर अपराधी निकले थे। बाद में मरम्मत हो रहे महिला वार्ड से लगी 25 फीट ऊंची चहारदीवारी में कील ठोक कर महिला वार्ड गये और वहां रखी बांस-बल्ली के सहारे चहारदीवारी पार कर गये। अपराधी जब मफलर, चादर, लुंगी, गमछा आदि को जोड़कर रस्सी बनाकर नीचे उतर रहे थे, उसी दौरान जेल कर्मी रंजन कुमार सिंह और होमगार्ड रियासत अंसारी ने शोर मचाया। इससे वहां तैनात सशस्त्र बल के जवान शुरू में यह सोच कर आगे नहीं बढ़े कि जेल पर नक्सलियों का हमला हो गया है। घटना की जानकारी तत्काल सदर थाना पुलिस के गश्ती दल को दी गयी। जेल में शोर-गुल सुनकर परिसर में रहनेवाले कर्मियों के परिजन और महिला पुलिस ने चहारदीवारी पार करने की कोशिश कर रहे अपराधियों पर जम कर पत्थरबाजी की। हालांकि कुछ पत्थर अपराधियों की आेर से भी फंेका गया था, लेकिन तमाम लोगों ने कैदियों को भीतर जाने के लिए बाध्य किया। जानकारी के मुताबिक लोहरदगा जेल में फिलवक्त 35 नक्सली और हार्डकोर उग्रवादी बंद हैं। इस घटना से शहरवासी और तमाम प्रशासनिक और पुलिस अमले के लोग स्तब्ध हैं।

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