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रतन टाटा की चाहत, अमेरिका में बिके नैनो

दुनिया की सबसे सस्ती कार नैनो ने पूरी दुनिया में धमाल मचा दी है। अभी यह कार बाजार में नहीं आई है, लेकिन फिर भी प्रदर्शन के लिए जहां भी जाती है, इसे देखने के लिए भीड़ उमर जाती है। दिल्ली के ऑटो एक्सपो...

 रतन टाटा की चाहत, अमेरिका में बिके नैनो
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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दुनिया की सबसे सस्ती कार नैनो ने पूरी दुनिया में धमाल मचा दी है। अभी यह कार बाजार में नहीं आई है, लेकिन फिर भी प्रदर्शन के लिए जहां भी जाती है, इसे देखने के लिए भीड़ उमर जाती है। दिल्ली के ऑटो एक्सपो के बाद यह स्विटजरलैंड के जिनेवा शो और रूस के इंडी मेला में भी सभी का दिल जीत लिया है। अब इसे देखने की मांग अमेरिका में भी उठने लगी है। खुद रतन टाटा की भी चाह है कि नैनो अमेरिका में बिके, क्योंकि यह दुनिया का सबसे बड़ा कार बाजार है। वहीं नैनो ने इतने कम समय में ही सर्वाधिक देखे जाने वाली वेबसाइट में टाटा मोटर्स को शुमार कर दिया है। 15 करोड़ से भी ज्यादा लोगों ने इसकी खरीददारी की और अन्य जानकारी ली है, जो अपने आप में एक रिकार्ड है। पूरी दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र बनी नैनो को विदेशों में पेश करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए टाटा वैश्विक लाइसेंस हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि इसे दुनिया भर में बेची जा सके। कंपनी सबसे पहले इसे अमेरिका में बिक्री के लिए उतारना चाहती है। रतन टाटा ने बताया कि अमेरिका में कारों की बिक्री कैसी भी हो, लेकिन वह है उत्साहवर्धक। नैनो की 2,500 अमेरिकी डॉलर या 1,700 यूरो की कीमत अमेरिकी बाजार में बिक्री की दृष्टि से क्रांति ला सकती है, जहां हेचबैक कार की कीमत 000 अमेरिकी डॉलर से शुरू होती है। उन्होंने बताया कि कंपनी इस कार के उत्पादन की फ्रेंचाइजी देने पर भी विचार कर सकती है। इस बारे में कोई निर्णय मांग के आधार पर लिया जाएगा। यदि विदेशों में हम इसकी आपूíत नहीं कर सके तो इसके लाइसेंसिंग मैन्यूफैक्चर्स (फ्रेंचाइजी) पर विचार कर सकते हैं। टाटा मोटर्स के एमडी रविकांत ने हिन्दुस्तान को बताया कि कंपनी नैनो को पहले भारतीय सड़कों पर उतारने के बाद ही विदेशों में उतारने का निर्णय लेगी। वैसे लक्ष्य आरंभ में अमेरिका में प्रवेश करना है। उन्होंने बताया कि बजट में उत्पाद शुल्क 4 प्रतिशत घटा दिए जाने के बावजूद कीमतें घटाने का कोई विचार नहीं है। कंपनी फिलहाल उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर जोर दे रही है ताकि मांग की पूíत हो सके। इसकी कीमत वैसे ही बहुत कम है फिर भी यह सुरक्षा के सभी मानकों को पूरा करती है। बहरहाल कंपनी विदेशों में इसे बेचने से पहले देश की जरूरतों को पूरा करेगी।

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