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वित्तरहित शिक्षा नीति समाप्त

वित्तरहित शिक्षा नीति समाप्त हो गयी। सोमवार को विधानमंडल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी विधिवत घोषणा की। माध्यमिक, उच्च माध्यमिक और डिग्रीस्तर की शिक्षण संस्थाओं को उनके यहां से पास करने वाले...

 वित्तरहित शिक्षा नीति समाप्त
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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वित्तरहित शिक्षा नीति समाप्त हो गयी। सोमवार को विधानमंडल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी विधिवत घोषणा की। माध्यमिक, उच्च माध्यमिक और डिग्रीस्तर की शिक्षण संस्थाओं को उनके यहां से पास करने वाले छात्रों के हिसाब से प्रति छात्र औसतन क्रमश: 3000 रुपये, 4000 रुपये और 5000 रुपये सालाना अनुदान मिलेगा। छात्राओं के लिए प्रत्येक संस्था को छात्रों की तुलना में 200 रुपये अधिक दिये जायेंगे।ड्ढr ड्ढr गुणवत्ता बढ़ाने के लिए द्वितीय और तृतीय श्रेणी की तुलना में प्रथम श्रेणी में पास होने वाले छात्रों के लिए संस्थान को अधिक राशि मिलेगी। राज्य में 1 अप्रैल, 08 से प्रभावी हो रही नीति से राजकोष पर कम से कम 150-200 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। अनुदान संस्थान के प्रबंधन को ही मिलेगा। शून्यकाल के ठीक बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तरहित शिक्षा नीति की समाप्ति उनकी सरकार के महत्वपूर्ण लक्ष्यों में से एक था जिसे उन्होंने पूरा कर दिखाया है। उनकी घोषणा का दोनों सदनों में सदस्यों ने मेज थपथपाकर स्वागत किया। श्री कुमार ने कहा कि निजी वित्तरहित शिक्षण संस्थाओं से अलग-अलग निर्धारित फार्म पर भूमि, कमरे, पुस्तकालय, शिक्षक और छात्र-छात्राओं के संबंध में पूरी जानकारी शपथपत्र के साथ मांगी जायेगी। जिन संस्थाओं के पास न्यूनतम मानक के आधार पर सुविधाएं होंगी उन्हें उनके सफल छात्रों की संख्या के आधार पर राशि दी जायेगी। जो संस्थाएं सिर्फ महिलाओं या बालिकाओं की शिक्षा दे रही होंगी उनके लिए निर्धारित मानकों कोशिथिल भी किया जायेगा।ड्ढr ड्ढr मुख्यमंत्री ने अफसोस जताया कि निजी क्षेत्र को डिग्री व इन्टर कॉलेजों और माध्यमिक विद्यालयों को वित्तरहित रूप में खोलने की अनुमति तो दे दी गयी लेकिन सरकार इन्हें आर्थिक सहायता देने अथवा संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता के संबंध में न तो कोई नीति बना सकी अथवा कोई मानक ही तय कर सकी। वित्तरहित शिक्षण संस्थानों के संबंध में 1में तत्कालीन मंत्री जगदानन्द की अध्यक्षता में एक समिति बनी जिसकी रिपोर्ट अबतक नहीं मिल सकी। श्री कुमार ने विश्वास व्यक्त किया कि वित्तरहित शिक्षा नीति को समाप्त करने और आर्थिक सहायता दिये जाने संबंधी उनकी सरकार के निर्णय से संतोषजनक ढंग से संचालित ऐसे सभी शिक्षण संस्थाओं में शिक्षा का स्तर सुधरेगा। अनुदान की दर (रुपये) माध्यमिकछात्रछात्राड्ढr प्रथम श्रेणी35003700ड्ढr द्वितीय श्रेणी30003200ड्ढr तृतीय श्रेणी25002700 उ. माध्यमिकछात्रछात्राड्ढr प्रथम श्रेणी45004700ड्ढr द्वितीय श्रेणी40004200ड्ढr तृतीय श्रेणी35003700 डिग्री कॉलेजछात्रछात्राड्ढr प्रथम श्रेणी55005700ड्ढr द्वितीय श्रेणी50005200ड्ढr तृतीय श्रेणी45004700

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