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छह माह में स्कूलों में लगायें तड़ित चालक

झारखंड हाइकोर्ट ने सरकार को छह माह में सभी स्कूलों में तड़ित चालक लगाने का काम पूरा करने का निर्देश दिया है। वज्रपात रोकने के लिए बीआइटी व बीएयू को अंतरिम रिपोर्ट शीघ्र सौंपने को भी कहा गया है। एक...

 छह माह में स्कूलों में लगायें तड़ित चालक
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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झारखंड हाइकोर्ट ने सरकार को छह माह में सभी स्कूलों में तड़ित चालक लगाने का काम पूरा करने का निर्देश दिया है। वज्रपात रोकने के लिए बीआइटी व बीएयू को अंतरिम रिपोर्ट शीघ्र सौंपने को भी कहा गया है। एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस एम कर्पग विनायगम और जस्टिस डीाीआर पटनयाक की अदालत ने यह निर्देश दिया। मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी। कहा गया कि राज्य के अधिकतर स्कूलों में तड़ित चालक लगा दिये गये हैं। शेष में लगाने की प्रक्रिया जारी है। वज्रपात रोकने के लिए बीआइटी व बीएयू को अनुसंधान करने का काम दिया गया है। इसके लिए दोनों को 75-75 लाख रुपये दिये गये हैं। एक माह में इस पर अंतरिम रिपोर्ट आयेगी। रिपोर्ट मिलने के बाद दोनों को पुन: 75-75 लाख दिये जायेंगे। आरआरडीए ने जी प्लस थ्री भवनों में तड़ित चालक लगाने को अनिवार्य कर दिया है। केंद्र सरकार को वज्रपात को आपदा में शामिल करने का अनुरोध किया गया है और इसके लिए फंड की व्यवस्था करने का भी आग्रह किया गया है। अदालत ने उपरोक्त निर्देश देते हुए याचिका निष्पादित कर दी। अदालत ने इस मामले में प्रार्थी के अधिवक्ता बीपी सिंह, महाधिवक्ता एसबी गाड़ोदिया की सराहना की जिन्होंने वज्रपात रोकने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिये और कार्रवाई की। सीबीएसइ प्री मेडिकल पनेताजी का कुर्तानेताजी एक बड़े हाउस के कस्टोडियन हैं। हाउस में खड़े हुए लोगों को बैठाना इनका काम है। कभी-कभार वे इंस्पेक्शन भी कर लिया करते हैं। ऐसे ही एक दिन वे कार्यालय परिसर में चल रहे निर्माण कार्य का इंस्पेक्शन करने पहुंच गये। इसी बीच एक रास्ते के किनार खड़ी मोटरसाइकिल में फंसकर उनका कुर्ता फट गया। यह बात उनके साथ चल रहे सलाहकारों को पसंद नहीं आयी। नेताजी के कुर्ते को फटने को लाइटली नहीं लिया जा सकता। इस गंभीर मसले पर सलाहकारों ने नेताजी को सुझावों की झड़ी लगा दी। सलाहकारों ने नाना-नाना प्रकार के सुझाव दिये, पर नेताजी को उसमें से एक सुझाव पसंद आया। उन्होंने तुरत फरमान जारी किया, रास्ते के अगल-बगल अब कोई दोपहिया वाहन नहीं लगेगा। इसे सख्ती से लागू करने के लिए कई सुरक्षा गार्ड तैनात कर दिये गये। ये गार्ड वाहन खड़ा करनेवालों पर बहुत कड़ी नजर रखते हैं। पर नेताजी इस बात से खुश हैं कि चलो कुर्ता फटा तो फटा, एक आदेश देने का अवसर तो मिला। उधर सलाहकार भी खुश हैं कि उन्हें सुझाव देने का मौका तो मिला।

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