जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 33 पहुंची
मलिहाबाद के दतली गांव में जहरीली शराब पीने से अब तक लखनऊ व उन्नाव को मिलाकर मरने वालों की संख्या 33 तक पहुंच गई है। मंगलवार दोपहर तक अस्पतालों में भर्ती नौ और लोगों ने दम तोड़ दिया था। इनमें लखनऊ के...
मलिहाबाद के दतली गांव में जहरीली शराब पीने से अब तक लखनऊ व उन्नाव को मिलाकर मरने वालों की संख्या 33 तक पहुंच गई है। मंगलवार दोपहर तक अस्पतालों में भर्ती नौ और लोगों ने दम तोड़ दिया था। इनमें लखनऊ के चार और उन्नाव के पांच लोग शामिल हैं। अस्पताल में अभी भी 100 से ज्यादा लोग भर्ती है।
मंगलवार को दतली गांव से आठ और लोगों को तबियत खराब होने पर अस्पताल भेजा गया था। इन आठ लोगों ने भी रविवार रात को जगनू से खरीद कर शराब पी थी। उधर इस गांव में दिन भर पुलिस और प्रशासन के अफसरों का जमावड़ा लगा रहा। पुलिस की मौजूदगी में गांव में शवों का अंतिम संस्कार कराया गया। वहीं प्रशासन ने अंतिम संस्कार के लिए गरीब परिवारों को पांच हजार रुपए की आर्थिक मदद मौके पर ही उपलब्ध कराई गई।
दतली गांव में रविवार रात को कच्ची शराब पीने वालों को खून की उल्टियां होने लगी थी और फिर उन्हें अचानक दिखाई पड़ना बंद हो गया था। इसके बाद गांव के देशराज व शिवराज की मौत हो गई। धीरे-धीरे मौतों का आंकड़ा बढ़ने लगा और सोमवार रात तक यह संख्या 24 तक पहुंच गई थी। गांवों में घरों के अंदर दुबके उन लोगों को जबरदस्ती बाहर निकाल कर अस्पताल भेजा गया था जिन्होंने जहरीली शराब पी थी। मंगलवार सुबह भी पुलिस और प्रशासन के अधिकारी गांव में शराब पीने से बीमार हुए लोगों को अस्पताल भेजने में लगे रहे। हालांकि गांव के इतने लोगों की मौत से हर वह परिवार दहशत में आ गया था जिसके किसी भी सदस्य ने यह शराब पी थी।
नौ और लोगों ने दम तोड़ा
मंगलवार सुबह अस्पतालों में भर्ती नौ और लोगों की मौत हो गई। इनमें गंगा प्रसाद, सजीवन, घसीटे, दीनदयाल, भुल्लर, गेंदालाल, छुटकऊ शामिल हैं। डीआईजी आरके चतुर्वेदी ने बताया कि उन्नाव के चार लोगों की हालत गम्भीर होने पर ट्रॉमा सेन्टर भेजा गया था। यहां पर उनकी मौत हो गई। उनके शवों का पोस्टमार्टम करा दिया गया है।
जगनू के घर में लगाई आग
गुस्साए ग्रामीणों ने मंगलवार सुबह जहरीली शराब बेचने के मुख्य आरोपी जगनू के घर में आग लगा दी। सोमवार रात को इस घर में तोड़फोड़ की गई थी। पर, मंगलवार को जब गांव में पोस्टमार्टम हाउस से शव आने का सिलसिला शुरू हुआ तो ग्रामीणों का गुस्सा फिर बढ़ गया। कुछ लोग टोली में जगनू के घर पहुंचे और वहां आग लगा दी। जगनू इस हादसे का मुख्य आरोपी है और वह लम्बे समय से कच्ची शराब के इस अवैध कारोबार में लिप्त था।