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बाल श्रमिक अब काम छोड़ करंगे पढ़ाई

राज्य के 14 जिलों में बाल श्रमिकों के लिए स्कूल खोले जायेंगे। इसके लिए रांची, लोहरदगा, लातेहार, जामताड़ा, देवघर, सिमडेगा, पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, चतरा, बोकारो, धनबाद, गिरिडीह, कोडरमा और...

 बाल श्रमिक अब काम छोड़ करंगे पढ़ाई
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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राज्य के 14 जिलों में बाल श्रमिकों के लिए स्कूल खोले जायेंगे। इसके लिए रांची, लोहरदगा, लातेहार, जामताड़ा, देवघर, सिमडेगा, पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, चतरा, बोकारो, धनबाद, गिरिडीह, कोडरमा और गोड्डा जिले का चयन किया गया है। इन जिलों में बाल श्रमिकों का सर्वे कराया जा रहा है। इसके बाद स्कूल खोले जायेंगे। नेशनल चाइल्ड लेबर प्रोजेक्ट (एनसीएलपी) के तहत बाल श्रमिकों के लिए स्कूल खोलने का निर्णय केंद्रीय आदेश पर लिया गया है। केंद्र ने झारखंड में बाल श्रमिकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्कूल खोलने को कहा है। श्रम विभाग के मुताबिक केंद्रीय अनुशंसा मिलने के साथ ही रांची में बाल श्रमिकों के लिए स्कूल खोलने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया गया है। स्वीकृति मिलते ही रांची में निर्माण कार्य शुरू कर दिया जायेगा। झारखंड के आठ जिले पाकुड़, साहेबगंज, दुमका, गढ़वा, पलामू, पश्चिम सिंहभूम, गुमला एवं हजारीबाग में बाल श्रमिकों के लिए एनसीएलपी के तहत स्कूल चलाये जा रहे हैं। यहां बाल श्रमिकों के लिए पढ़ाई के साथ-साथ मुफ्त भोजन एवं आवास की व्यवस्था है। बताया गया कि बाल श्रमिकों के लिए पुनर्वास नीति तैयार करने में भी सरकार जुटी है। इसके लिए भी सरकारी स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। नवंबर के पहले सप्ताह में पुनर्वास नीति का पैकेज तय कर लिये जाने की संभावना है।

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