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सूखा वाले जिलों में पशु शिविर

सूखे से प्रभावित बुंदेलखण्ड सहित 10 जिलों में पशुओं को भुखमरी से बचाने के लिए पशु आश्रय स्थल और चारा डिपो की स्थापना की जाएगी। राज्य सरकार ने संबंधित जिलों के लघु, सीमान्त कृषकों और खेतिहर मजदूरों के...

 सूखा वाले जिलों में पशु शिविर
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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सूखे से प्रभावित बुंदेलखण्ड सहित 10 जिलों में पशुओं को भुखमरी से बचाने के लिए पशु आश्रय स्थल और चारा डिपो की स्थापना की जाएगी। राज्य सरकार ने संबंधित जिलों के लघु, सीमान्त कृषकों और खेतिहर मजदूरों के पशुओं के शिविरों की स्थापना के लिए 4.65 करोड़ रुपए दिए हैं। इसके अलावा न्याय पंचायत स्तर पर चारा डिपो भी खोले जाएँगे। उचित मूल्य पर अन्य जिलों से चारा पहुँचाने के लिए अलग से परिवहन व्यय अनुदान के रूप में 4.65 करोड़ रुपए की राशि भी दी गई है। यह योजना 30 जून 2008 तक चलेगी।ड्ढr राहत विभाग द्वारा जारी दो शासनादेशों के अनुसार झाँसी, जालौन, ललितपुर, महोबा, बाँदा, चित्रकूट, हमीरपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र को पशु आश्रय स्थल (शिविर) बनाने के लिए 50-50 लाख रुपए दिए गए हैं। इतनी राशि चार की ढुलाई पर परिवहन सबसिडी के रूप में अलग से दी गई है। कानपुर नगर के तहसील घाटमपुर के लिए इन दोनों मदों में 15-15 लाख रुपया दिया गया है। पशु शिविरों में पशुओं को खिलाने-पिलाने और देख-रख के लिए प्रति 30 पशुओं पर एक दैनिक मजदूर की व्यवस्था की जाएगी, जिसकी मजदूरी का भुगतान प्रति सप्ताह रोजगार सृजन योजना के अन्तर्गत संबंधित जिलाधिकारी द्वारा किया जाएगा। सूखाग्रस्त प्रत्येक जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में पाँच सदस्यीय चारा प्रबंध समिति का गठन किया जाएगा। ग्राम पंचायत स्तर पर तीन सदस्यीय चारा डिपो प्रबंधन समिति भी गठित की जाएगी। चारा डिपो प्रबंधन समिति सूखे चार की उपलब्धता और आवश्यकता की गणना कर चार की कमी का आकलन करगी और कमी के अनुसार चार की माँग जनपद स्तरीय समिति को प्रस्तुत करगी।

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