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घटेफिर बढ़ी महंगाई

महंगाई पर काबू पाने के मैराथन उपायों के बावजूद 12 जुलाई को समाप्त सप्ताह में महंगाई की दर बढ़ कर 7.33 फीसदी पर पहुंच गयी। महंगाई दर में वृद्धि के पीछे खाद्यान्न और सब्जियों की बजाय स्टील और लौह अयस्क...

 घटेफिर बढ़ी महंगाई
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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महंगाई पर काबू पाने के मैराथन उपायों के बावजूद 12 जुलाई को समाप्त सप्ताह में महंगाई की दर बढ़ कर 7.33 फीसदी पर पहुंच गयी। महंगाई दर में वृद्धि के पीछे खाद्यान्न और सब्जियों की बजाय स्टील और लौह अयस्क जसे उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी मुख्य वजह रही है। इस स्थिति में जहां सरकार पर स्टील कीमतों में कटौती के लिए फैसला लेने का दबाव बढ़ गया है। वहीं अगले सप्ताह रिार्व बैंक द्वारा पेश की जानेवाली मौद्रिक नीति में भी महंगाई पर केंद्रित उपायों की घोषणा की संभावना है। खाद्यान्न कीमतों में कमी के साथ सरकार को सुकून देनेवाली खबर भी शुक्रवार को आयी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक गेहूं की खरीद 104.40 लाख टन पर पहुंच गयी है, जबकि पिछले साल इस समय सरकारी खरीद 67 लाख टन पर ही अटकी हुई थी। हालांकि एक सचाई यह भी है कि गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1000 रुपये प्रति क्िवंटल होने के चलते इसकी खरीद लागत 1150 रुपये प्रति क्िवंटल के आसपास बैठ रही है। जिसके चलते आंकड़ों के मोर्चे पर गेहूं और उसके उत्पादों की कीमतें पिछले साल से अधिक ही रहेंगी। वहीं खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट का रुख शुरू होने के बावजूद दाम पिछले साल से ऊपर ही बने रहने की आशंका है। लेकिन आनेवाले दिनों में महंगाई दर का आंकड़ा सरकार को कुछ राहत दे सकता है। महंगाई पर विशलेषकों की अलग-अलग राय है। कुछ का मानना है कि बैंक ब्याज दरों में बदलाव नहीं करेगा, जबकि कई की राय है कि इसमें चौथाई प्रतिशत बढ़ोत्तरी की जा सकती है। एजेंसी के अनुसार मंहगाई पर ब्रेक लगाने की सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता और उपायों के बावजूद फलों, खनिज और बीडी आदि के मंहगा होने से मंहगाई की दर 0.1प्रतिशत बढ़कर 12 अप्रैल को समाप्त अवधि में 7.33 प्रतिशत पर पहुंच गयी। आलोच्य सप्ताह के दौरान मंहगाई की दर को बढ़ाने में मुख्य योगदान फलों, मछली, डेयरी उत्पाद, सोयाबीन, लौह अयस्क, तारकोल, गुड़, रवा-सूजी, मैदा, खांडसारी, बीडी और रेलवे स्लीपर्स आदि के दामों का बढ़ना था। हालांकि इस दौरान दालें, मसालें, सरसों और सब्जियों के दामों में नरमी दिखी। स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में अर्थशास्त्री सुचिता मेहता की नजर में मंहगाई चिंता का विषय है और इसमें लगातार बढ़ोत्तरी दिख रही है।

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