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पेयजल संकट पर घिरंगे निगम के अधिकारी

रांची नगर निगम बोर्ड की दूसरी बैठक 28 अप्रैल को होगी। बैठक में पेयजल और सफाई का मामला उठेगा। पेयजल की समस्या से विभिन्न वार्ड के पार्षद भी परशान हैं। जसे-ौसे गर्मी बढ़ रही है, पानी की किल्लत बढ़ती जा...

 पेयजल संकट पर घिरंगे निगम के अधिकारी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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रांची नगर निगम बोर्ड की दूसरी बैठक 28 अप्रैल को होगी। बैठक में पेयजल और सफाई का मामला उठेगा। पेयजल की समस्या से विभिन्न वार्ड के पार्षद भी परशान हैं। जसे-ौसे गर्मी बढ़ रही है, पानी की किल्लत बढ़ती जा रही है। वार्ड पार्षदों ने निगम अधिकारियों को घेरने की तैयारी की है। पार्षदों का कहना है कि निगम अधिकारियों के ढुलमूल रवैये से शहर में पानी की किल्लत हो रही है। नगर निगम की व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। राजधानी में चापानलों की हालत खराब है, आधे से अधिक चापानल खराब हैं। ठीक ढंग से मुहल्लावासियों को टैंकर से पानी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। इधर निगम अधिकारी भी बैठक तैयारी में जुटे हैं। बोर्ड की बैठक का एजेंडा सफाई, पानी और चापानल रहेगा। बैठक मेयर रमा खलखो की अध्यक्षता में होगी। बैठक में डिप्टी मेयर अजयनाथ शाहदेव, सीइओ विनय कुमार चौबे, उप मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी मुकेश कुमार वार्मा, डॉ सुनील कुमार, स्वास्थ्य चिकित्सा पदाधिकारी रखा रानी और सभी वार्ड पार्षद शामिल होंगे। 45 प्रति. चापानल खराब लाखों खर्च के बावजूद अब भी शहर में 45 प्रतिशत चापानल खराब पड़े हैं। चापानल मरम्मत के नाम पर नगर निगम द्वारा प्रतिमाह एक लाख 25 हाार रुपये खर्च किये जाते हैं। उस हिसाब से प्रतिवर्ष 14 लाख 50 हाार रुपये खर्च किये जाते हैं। इसके बावजूद शहर के विभिन्न वार्डो में लगभग 0 चापानल खराब पड़े हैं। शहर में कुल 223चापानल है। चापानल मरम्मत का जिम्मा तीन एनजीओ को भी दिया गया है। तीनों एनजीओ को कुल 18 वार्ड के चापानल ठीक करने का जिम्मा दिया गया है। जिन एनजीओ को चापानल मरम्मत का ठेका दिया गया है उनमें आधार, रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी और समर्पण शामिल हैं। आधार को वार्ड संख्या 2, 3, 4, 7, 8, रल डेवलपमेंट को वार्ड संख्या 10 और 25 तथा समर्पण को वार्ड संख्या 10, 14, 15, 16, 17 एवं 18 दिया गया है। ये सभी पुराने वार्ड के अनुसार हैं। निगम अधिकारियों का कहना है कि कौन-कौन चापानल विधायक व सांसद कोष से गड़वाये गये हैं, इसकी विस्तृत जानकारी नगर निगम को नहीं दी गयी है। इसलिए उनकी मरम्मत में परशानी हो रही है। ं

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