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सारण में जाली नोटों के साथ तीन धंधेबाज धराये

सारण पुलिस ने जाली नोटों के धंधेबाजों का भंडाफोड़ करते हुए मुख्य धंधेबाज व दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनमें सारण जिले के गड़खा थाना क्षेत्र के चैनपुर बथान के सहोदर भाई दारोगा राय व पुलिस राय और...

सारण में जाली नोटों के साथ तीन धंधेबाज धराये
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 06 Dec 2014 09:49 PM
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सारण पुलिस ने जाली नोटों के धंधेबाजों का भंडाफोड़ करते हुए मुख्य धंधेबाज व दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनमें सारण जिले के गड़खा थाना क्षेत्र के चैनपुर बथान के सहोदर भाई दारोगा राय व पुलिस राय और मुख्य सरगना वैशाली जिले के तिसीऔता थाना क्षेत्र के नारी कला गांव का सुलेमान मियां शामिल है। दोनों भाइयों के पास से 34 हजार रुपये के जाली नोट मिले हैं। सभी नोट एक-एक हजार रुपये के हैं। सुलेमान के पास से एक सौ के साढ़े चौदह हजार असली नोट भी बरामद किये गये हैं, जो उसे जाली नोट चलाने के एवज में कमीशन में मिले थे। पहले दोनों भाइयों को घेघटा पशु मेले से गिरफ्तार किया गया और फिर इनकी निशानदेही पर वैशाली के सुलेमान को दबोचा गया। डीएसपी राजकुमार कर्ण ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि एसपी सत्यवीर सिंह के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई। टीम में उनके अलावा मुफस्सिल इंस्पेक्टर सह इंचार्ज शंभूशरण सिंह, डोरीगंज थानाध्यक्ष राजरूप राय और टेक्निकल सेल के भी पदाधिकारी शामिल थे। उन्होंने बताया कि घेघटा मेले में जाली नोट चलाने का धंधा लंबे समय से चला आ रहा है।

एक लाख के जाली नोटों के लिए 60 हजार के असली नोट
एक लाख जाली नोट लेने के लिए धंधेबाजों को 60 हजार रुपये के असली नोट देने पड़ते हैं। तब उन्हें एक लाख रुपये के जाली नोट मिलते हैं। फिर उसे बाजार में धड़ल्ले से चलाते हैं धंधेबाज। पुलिस की पूछताछ में धंधेबाजों ने उक्त तथ्य का खुलासा किया। इस तरह का एक लाख रुपये के जाली नोट चलाने में 40 हजार रुपये का फायदा होता है। इसमें शामिल धंधेबाज अपना-अपना शेयर लेते हैं।

पहले भी जेल जा चुके हैं दोनों भाई
गड़खा के चैनपुर बथान के दोनों सगे भाइयो को जाली नोट के मामले में गड़खा और मुजफ्फरपुर पुलिस पहले भी जेल भेज चुकी है। दोनों का मुख्य पेशा ही जाली नोटों का धंधा करना है।

सुलेमान ही करता है जाली नोटों की सप्लाई
वैशाली जिले के तिसीऔता थाना क्षेत्र के नारी कला गांव का रहने वाला सुलेमान ही जाली नोटों की सप्लाई करता है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है वह किसे-किसे जाली नोट कमीशन पर देता है। पूछताछ में उसने कुछ और नाम बताया है। इस आधार पुलिस अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी में जुट गई है। अंदेशा है कि सारण के घेघटा पशु मेले की तरह अन्य जिलों के मेलों में भी जाली नोटों की सप्लाई की जाती है।

सवलिया राय बना सरकारी गवाह
बनियापुर थाना क्षेत्र के सतुआ गांव निवासी सवलिया राय को ही पुलिस ने सरकारी गवाह बना दिया है। मालूम हो कि 15 दिनों पहले सवलिया घेघटा मेले में पशु बेचने गये थे और उन्होंने 12 हजार में अपना पशु बेच दिया। लेकिन इसके एवज में उन्हें मिले सभी नोट जाली थे। फिर जब वे उसी रुपये से बनियापुर में मुर्गा खरीदने गये तो दुकानदार ने जाली नोट कह कर लौट दिया। फिर दुसरी दुकान पर गये तो कुछ लोगों ने पकड़कर उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया और उसके विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज कर ली गई। पुलिस को जब उसने बताया कि उन्होंने पशु बेचा है और वहीं से उसे रुपये मिले हैं। तब पुलिस उसे घेघटा मेला लेकर गई। घेघटा के आसपास के पशु पालक वकील राय भी पशु बेचने गये थे। उन्होंने भी 19 हजार रुपये में अपना पशु बेच दिया और जब किसी को नोट गिनने को दिया तो उसने कहा जाली है। इस पर उन्होंने स्थानीय लोगों के सहयोग से दोनों को धर दबोचा और पुलिस को इसकी सूचना दी।

 

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