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पूर्व राज्यसभा सांसद बनवारीलाल को वकीलों ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा

27 साले पुराने मामले में शुक्रवार दोपहर पेशी पर गए व्यापारी नेता व पूर्व राज्यसभा सांसद बनवारीलाल कंछल को वकीलों ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। कचहरी परिसर में उनके कपड़े फाड़ डाले और उन्हें निर्वस्त्र कर...

पूर्व राज्यसभा सांसद बनवारीलाल को वकीलों ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 05 Dec 2014 10:41 PM
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27 साले पुराने मामले में शुक्रवार दोपहर पेशी पर गए व्यापारी नेता व पूर्व राज्यसभा सांसद बनवारीलाल कंछल को वकीलों ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। कचहरी परिसर में उनके कपड़े फाड़ डाले और उन्हें निर्वस्त्र कर दिया। उनकी गाड़ी तोड़ डाली। वह निर्वस्त्र ही किसी तरह कचहरी से बाहर भागे जहां एक परिचित ने अपनी बाइक से कंछल को उनके शास्त्रीनगर स्थित घर पहुंचाया। इस घटना के विरोध में दर्जनों व्‍यापारियों ने रकाबगंज में जाम लगाकर प्रदर्शन किया। कंछल का आरोप है कि 17 नवम्बर को हीवेट रोड पर हुए बवाल का बदला लेने के लिए वकीलों ने उन पर हमला बोला और उनका मोबाइल, चेन व पर्स लूट लिया। घटना के विरोध में कंछल के संगठन उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल व उससे जुड़े संगठनों ने शनिवार को लखनऊ बंद करने का एलान किया है।

राजधानी के दूसरे व्यापारी संगठनों ने भी बंदी का समर्थन करने की घोषणा कर दी है। कंछल की तहरीर पर वजीरगंज कोतवाली में वकील अजय यादव, अशोक सिंह तोमर, जनार्दन बाजपेयी, शशिकांत बाजपेयी, शरद चौधरी, मनोज सिंह बाबा, धनराज और शक्ति समेत 20-25 वकीलों के खिलाफ डकैती, मारपीट व बलवा की एफआईआर लिखी गई है।

बनवारीलाल दोपहर 12:30 बजे अपने वकील के साथ पेशी पर पहुंचे थे। बहुखण्डी बिल्डिंग में न्यायिक मजिस्ट्रेट अपूर्व सिंह की अदालत से पेशी के बाद निकले ही थे कि कुछ वकीलों ने उन्हें रोक लिया। इस दौरान वकीलों से उनकी कहासुनी हुई। फिर वकील उन पर टूट पड़े। वह बचते हुए नीचे भागे तो वकीलों ने उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटना शुरू कर दिया। वकीलों की संख्या बढ़ती गई और बनवारीलाल असहाय हो गए। बनवारीलाल कंछल का कहना है कि वह लेसा की तरफ वाले गेट की ओर भागे। वकील उन्हें पीटते रहे। उनकी सदरी व अन्य कपड़े फाड़ डाले। उन्हें निर्वस्त कर दिया। वह गिड़गिड़ाते रहे लेकिन वकील नहीं माने और उन्हें पीटते रहे।

निर्वस्त्र ही सड़क पर भागे
कंछल निर्वस्त्र ही बाहर भागे। किसी तरह वह अपने कुर्ते व बनियान से अपने शरीर को ढक पा रहे थे। वकील उन पर पसीजे नहीं और बीच सड़क पर भी उन्हें अपशब्द कहते हुए दौड़ाते रहे। इसी बीच उनका एक परिचित वहां से गुजरा जिसकी बाइक पर वह बैठ कर वहां से निकल सके। कंछल का कहना है कि वह इस परिचित का नाम नहीं जानते है पर वह उसे पहचानते थे। कंछल को इस हालत में देखकर उनके घर वाले व पड़ोसी भी हैरान रह गए। कंछल ने घर वालों को पूरी घटना बताई। कंछल ने कहा कि वकीलों ने उनका मोबाइल, पर्स व चेन भी छीन ली थी।

खबर मिलते ही दजर्नों व्यापारी जुटे घर पर
बनवारीलाल कंछल पर हमले की खबर मिलते ही दजर्नों व्यापारी उनके घर पहुंचे। व्यापारियों ने इसे गम्भीर बताते हुए जाम-प्रदर्शन करने की बात कही। कई व्यापारी नेता बैठक कर रणनीति बनाने की बात करने लगे। इसी बीच एएसपी पश्चिमी अजय कुमार, सीओ कैसरबाग ह्दयेश कठेरिया व एसओ वजीरगंज अभिनव पुण्डीर उनके घर पहुंचे। व्यापारियों ने पुलिस अफसरों को खरी-खरी सुनाई और कहा कि अब बहुत बर्दाश्त कर चुके वकीलों की। अब, उनकी गुण्डई नहीं बर्दाश्त की जाएगी।

बलरामपुर अस्पताल में मेडिकल में हुई देरी
कंछल को मेडिकल परीक्षण कराने के लिए पुलिस बलरामपुर अस्पताल लेकर पहुंची। यहां भी उनके कई समर्थक पहुंच गए थे। डॉक्टरों ने उनका परीक्षण किया। उनके आंख पर भी चोट आई थी। पर, अस्पताल में आंख के डॉक्टर नहीं थे। उन्हें गोमती नगर से बुलाया गया। तब तक कंछल एक पूर्व राज्यमंत्री (दर्जा प्राप्त) के साथ कार में काफी देर तक बैठे रहे। इस दौरान ही कुछ समर्थकों ने देरी पर हंगामा भी किया। हालांकि कंछल ने उन्हें शांत कराया।

हीवेट रोड वाली घटना के विरोध में वकीलों ने हमला बोला
कंछल का आरोप है कि 17 नवम्बर को कुछ वकीलों ने हीवेट रोड पर अमित अग्रवाल की सत्यम प्लाईवुड दुकान के ऊपरी हिस्से पर कब्जा करने का प्रयास किया था। इस मुद्दे पर वकीलों ने अमित की पिटाई भी की थी। उस दिन भी वकीलों ने काफी बवाल किया था। इसमें व्यापारी एकजुट हुए थे तो वकीलों को कब्जा छोड़ कर भागना पड़ा था। इस मामले में आरोपी वकीलों के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज हुई थी। हालांकि बाद में वकीलों ने भी कंछल व चार अन्य व्यापारियों के खिलाफ एफआईआर करा दी थी। इस घटना का बदला लेने के लिए ही वकीलों ने शुक्रवार को उन पर हमला बोल दिया।

इस मामले में आए थे पेशी पर
31 अगस्त 1987 को कंछल के अलावा ठाकुरदास व रमेश कुमार के खिलाफ आयकर अधिकारी महेश चन्द्र ने थाना अमीनाबाद में एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसके मुताबिक ठाकुरदास एण्ड ब्रदर्स दुकान की जांच के दौरान कंछल ने उनके साथ मारपीट की थी। इस मामले में अदालत ने इनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था। 28 जुलाई, 2014 को कंछल ने अदालत में आत्मसमर्पण कर जमानत की मांग की थी। निचली अदालत ने इनकी यह अर्जी खारिज करते हुए उन्हें जेल भेज दिया था। पांच अगस्त, 2014 को सेशन कोर्ट से कंछल जमानत पर रिहा हुए थे। 11 अगस्त, 2014 को अदालत ने इस मामले में इनके खिलाफ आरोप तय कर दिए थे। शुक्रवार को इस मामले में ही उनकी पेशी थी। अदालत के समक्ष इन्होंने डिस्चार्ज अर्जी दायर कर आरोपमुक्त करने की मांग की है जिस पर सुनवाई 12 दिसम्बर को होगी।

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