लीमा में समझौतों पर हस्ताक्षर की संभावना नहीं
लीमा में जलवायु वार्ताओं के दौरान भारत के धीमी गति से आगे बढ़ने की संभावना है। दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा जिस समय गणतंत्र दिवस उत्सव में शामिल होने के लिए भारत की यात्रा पर होंगे तभी भारत इस...
लीमा में जलवायु वार्ताओं के दौरान भारत के धीमी गति से आगे बढ़ने की संभावना है। दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा जिस समय गणतंत्र दिवस उत्सव में शामिल होने के लिए भारत की यात्रा पर होंगे तभी भारत इस मुद्दे पर आंतरिक ब्योरा पेश करेगा। सरकार के शीर्ष सूत्रों से अखबार को यह जानकारी मिली है।
ओबामा की यात्रा के दौरान मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इन मुद्दों में शून्य उत्सर्जन वाले स्रेतों से ऊर्जा निर्माण का भारत का लक्ष्य, क्षेत्रवार उत्सर्जन में कटौती का लक्ष्य, उत्सर्जन के लिए निर्धारित वर्ष, स्वच्छ तकनीक के लिए कोष में बढ़ोतरी और उच्चतर उत्सर्जन में तीव्र कटौती का लक्ष्य भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही एलान कर चुके हैं कि भारत साल 2019 तक एक लाख मेगावाट विद्युत्त निर्मित करेगा। सरकार इसके लिए व्यापक खाका बना रही है कि 2030 तक 15 से 20 फीसदी तक ऊर्जा नवीकरणीय स्रेतों से पैदा की जाए।
अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका ने भारतीय नवीकरणीय विकास एजेंसी को नए नवीकरणीय संसाधनों की योजनाओं के लिए एक अरब डॉलर की मदद देने का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा कि लीमा में भारत की ओर से कोई अहम एलान होने की उम्मीद नहीं है। वहां देखा जाएगा कि अन्य देश एजेंडे की रूप रेखा तैयार होने से पहले जलवायु पर क्या वादा करते हैं। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमें उम्मीद है कि लीमा उन मसलों पर कुछ स्पष्टता लाएगा जिन्हें साल 2013 में पेरिस में होने वाले नए जलवायु समझौते के लिए तय किया जाना है।