शिवसेना फडणवीस सरकार में शुक्रवार को होगी शामिल
भाजपा और शिवसेना के एक बार फिर हाथ मिलाने के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को घोषणा की कि जनादेश को देखते हुए शिवसेना शुक्रवार को उनकी सरकार में शामिल होगी। फडणवीस ने कहा...
भाजपा और शिवसेना के एक बार फिर हाथ मिलाने के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को घोषणा की कि जनादेश को देखते हुए शिवसेना शुक्रवार को उनकी सरकार में शामिल होगी। फडणवीस ने कहा कि शिवसेना के 12 विधायक मंत्री बनाए जाएंगे, लेकिन उपमुख्यमंत्री का पद नहीं होगा।
हालांकि, फडणवीस ने शिवसेना को दिए जाने वाले विभागों का खुलासा नहीं किया। फडणवीस ने कहा कि हम सरकार में गठबंधन के अन्य भागीदारों को शामिल करने पर भी फैसला लेंगे। शिवसेना के सरकार में शामिल होने के साथ ही फडणवीस आठ दिसंबर से नागपुर में शुरू होने जा रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में राहत की सांस ले सकेंगे।
सूत्रों के अनुसार, शिवसेना की नजर गृह विभाग पर है, जिसका प्रभार मुख्यमंत्री के पास है। विधानसभा चुनाव से पहले 25 साल पुराना गठबंधन तोड़ने के 70 दिन बाद मुख्यमंत्री ने शिवसेना नेताओं के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शिवसेना के पांच कैबिनेट रैंक सहित 12 मंत्री होंगे।
फडणवीस ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार में फिलहाल, शिवसेना के दस मंत्री शपथ लेंगे। भाजपा के भी आठ से दस मंत्री शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण विधान भवन में शाम चार बजे होगा। फिलहाल फडणवीस मंत्रिमंडल की संख्या दस है। इसमें आठ कैबिनेट रैंक के हैं। वहीं, सम्मेलन में उपस्थित शिवसेना के वरिष्ठ नेता सुभाष देसाई ने कहा कि दोनों दलों ने महाराष्ट्र को एक मजबूत सरकार देने का फैसला किया है। हमारी कोशिश सुशासन देने की होगी। हम आश्वस्त हैं कि हम महाराष्ट्र के जनादेश का सम्मान करेंगे।
फडणवीस ने कहा कि लोगों ने कांग्रेस और एनसीपी के खिलाफ वोट किया। लोग चाहते हैं कि भाजपा और शिवसेना महाराष्ट्र में सरकार बनाएं। कुछ मुद्दों पर हम फैसला नहीं ले पाए थे, इसलिए भाजपा ने सरकार बनाई। भाजपा और शिवसेना के कार्यकर्ता और विधायक चाहते थे कि सरकार में दोनों पार्टियां हों। फडणवीस ने कहा, हम एक समन्वय समिति बनाएंगे और जिला परिषद तथा निगम चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हम दोनों अलग पार्टियां हैं और विभिन्न मुद्दों पर हमारा अपना दृष्टिकोण है।
बता दें कि 288 सदस्यीय सदन में भाजपा के 121 विधायक हैं। 31 अक्तूबर को शपथ लेने वाली राज्य सरकार को 41 सदस्य वाली एनसपी ने बाहर से समर्थन देने की घोषणा की थी, जिससे नाराज शिवसेना विपक्ष में बैठ गई और उसके नेता एकनाथ शिंदे को विपक्ष के नेता का दर्जा दिया गया, लेकिन भाजपा में एनसीपी प्रमुख शरद पवार को लेकर कुछ चिंताएं थीं, जिसके बाद 63 सदस्यों वाली शिवसेना से तालमेल की कोशिश शुरू हुई।
- यह महाराष्ट्र के लोगों की आकांक्षा है कि भाजपा और शिवसेना को सरकार का हिस्सा होना चाहिए। मैंने उद्धव ठाकरे से इस संबंध में बात की, जिस पर उन्होंने सकारात्मक प्रक्रिया दी। हम 25 साल साथ रहे। इस सरकार में और बाद में भी हम साथ रहेंगे।
- देवेंद्र फडणवीस, मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र