मकई चाट गए टिड्डे
क्षेत्र के सैकड़ों एकड़ जमीन में लगी मकई की फसल को रातों-रात टिड्डे चाट गए। इन खेतों में मकई के मात्र ठूंठ बचे हैं। क्षेत्र में टिड्डों का आक्रमण तब हुआ जब भुट्टों में दाने पूरी तरह तैयार भी नहीं हुए...
क्षेत्र के सैकड़ों एकड़ जमीन में लगी मकई की फसल को रातों-रात टिड्डे चाट गए। इन खेतों में मकई के मात्र ठूंठ बचे हैं। क्षेत्र में टिड्डों का आक्रमण तब हुआ जब भुट्टों में दाने पूरी तरह तैयार भी नहीं हुए थे। अचानक आई इस आफत से किसानों की मानो कमर टूट गई है। मुख्यत: टिड्डों का आक्रमण प्रखंड के उत्तरवर्ती गांवों जसे बांदे, जोड़पुरा, हवासपुर, मालपुर,दरबा, वनडीह, मरीचा आदि में हुआ है। इन क्षेत्रों में इस वर्ष नून नदी से भीषण बाढ़ आई थीं जिसमें खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई थीं।ड्ढr ड्ढr बाढ़ के बाद खेतों में जलजमाव के कारण किसानों ने गेहूं नहीं रोपे। जब खेतों से जल सूखा तो किसानों ने अच्छी उपज के सपनों के साथ मकई बोए परंतु यहां भी उनकी किस्मत दगा दे गई। लगातार प्राकृतिक आपदाओं की मार झेल रहे किसान परिवारों के समक्ष भुखमरी की हालत बन गई है। मालपुर के सत्यनारायण प्रसाद, जोड़पुरा के चंदन कुमार ने बताया कि दो एकड़ की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई और पूंजी भी डूब गई। किसान सतीश सिंह बताते हैं कि इनका प्रकोप इतनी तेजी में हुआ कि किसान किंकर्तव्यविमूढ़ हो गए। जब तक दवा छिड़काव करते तब तक मकई की पत्तियों को नष्ट कर टिड्डों का झुंड दूसर खेतों की ओर चला जाता है। बीएओ डा.लोकनाथ ठाकुर ने बताया कि अबतक किसानों के द्वारा ऐसी सूचना नहीं मिली है। फिर भी फसल क्षति की जांच कराई जाएगी।