कांग्रेस को ममता बनर्जी के साथ की उम्मीद
संसद के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस मोदी सरकार को घेरने की रणनीति बनाने में जुटी है। विपक्ष की एकजुटता जहां सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती है। वहीं, कांग्रेस मोदी सरकार के छह माह पूरे होने पर एक पुस्तिका...
संसद के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस मोदी सरकार को घेरने की रणनीति बनाने में जुटी है। विपक्ष की एकजुटता जहां सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती है। वहीं, कांग्रेस मोदी सरकार के छह माह पूरे होने पर एक पुस्तिका जारी करने की तैयारी कर रही है। इस पुस्तिका में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किए गए वादों की सूची होगी, जिन्हें पूरा करने के लिए सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष का रुख अक्रामक रहेगा। महंगाई और कालेधन के मुद्दे पर सरकार को घेरने के साथ कांग्रेस उन वादों को भी पूरा करने की मांग करेगी, जो चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से किए थे। मोदी सरकार ने 26 मई को शपथ ली थी, ऐसे में सरकार के छह माह 26 नवंबर को पूरे हो रहे हैं। संसद सत्र 24 से शुरू हो रहा है।
पार्टी का कहना है कि मोदी सरकार ने एक के बाद एक कई मुद्दों पर यू टर्न लिया है। छह माह के कार्यकाल पर जारी होने वाली इस पुस्तिका के जरिए पार्टी लोगों को बताएगी कि सत्ता में छह माह होने के बावजूद सरकार ने अपने वादों को पूरा करने की पहल तक नहीं की है। इस पुस्तिका को पार्टी हिंदूी और अंग्रेजी के साथ क्षेत्रीय भाषाओं में भी प्रकाशित करेगी, ताकि इस सभी राज्यों में वितरित की जा सके।
कांग्रेस रणनीतिकार मानते हैं कि संसद के शीतकालीन सत्र में मानसून सत्र के मुकाबले विपक्षी पार्टियों के बीच बेहतर तालमेल होगा। पंडित जवाहर लाल नेहरु की 125वीं जयंती पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शामिल होने से पार्टी को उम्मीद है कि संसद में तृणमूल उनके मुद्दों को समर्थन करेगी। तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा में 33 और राज्यसभा में 12 सदस्य हैं।