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संपूर्णातावादी और प्रजातांत्रिक होते हैं आदिवासीः फेलिक्स

महान वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन ने आनुवंशिकी पर शोध कर दुनिया को मानव गुण के बारे में जानकारी दी थी। आज उनके प्रपौत्र फेलिक्स पैडल दुनिया के आदिवासी समुदाय के हालात पर शोध कर लोगों को जानकारी देने का...

संपूर्णातावादी और प्रजातांत्रिक होते हैं आदिवासीः फेलिक्स
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 18 Nov 2014 10:24 PM
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महान वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन ने आनुवंशिकी पर शोध कर दुनिया को मानव गुण के बारे में जानकारी दी थी। आज उनके प्रपौत्र फेलिक्स पैडल दुनिया के आदिवासी समुदाय के हालात पर शोध कर लोगों को जानकारी देने का काम कर रहे हैं। फेलिक्स 35 वर्ष पहले भारत आकर बस गए। वे वर्तमान में गुजरात के बड़ोदरा में मानव विज्ञान के प्रोफेसर हैं। फेलिक्स टाटा स्टील की ओर से आयोजित चार दिवसीय आदिवासी समागम-संवाद कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जमशेदपुर आए हुए हैं। मंगलवार को उन्होंने गोपाल मैदान में ‘हिन्दुस्तान’ के साथ खास बातचीत की।

पहले से ही विकसित है आदिवासी संस्कृति
फेलिक्स पैडल ने कहा कि आदिवासी गरीब और पिछड़े जरूर हैं, लेकिन वे काफी संपूर्णतावादी और प्रजातांत्रिक होते हैं। उनकी संस्कृति पहले से ही काफी विकसित है, लेकिन आज औद्योगिकीकरण उनके अस्तित्व के लिए संकट पैदा कर रहा है। औद्योगिकीकरण के कारण आदिवासी समुदाय विस्थापित हो रहे हैं। आज पूरी दुनिया में 20 मिलियन आदिवासी समुदाय विस्थापित हैं। विस्थापित होने से उनका जीवन और संस्कृति नष्ट होती है।

ग्राम सभा को मानना चाहिए
आदिवासियों के अस्तित्व को बचाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस समुदाय की संवैधानिक संस्था ग्राम सभा है। जमीन अधिग्रहण के दौरान आदिवासी समुदाय के कुछ लोग विरोध और आंदोलन करते हैं, जबकि कुछ लोग समर्थन भी करते हैं। इस तरह समुदाय में फूट डालते हैं, लेकिन विरोध और आंदोलन करने वाले को शत्रु नहीं समझना होगा। उनकी आवाज को सुनना होगा और ग्राम सभा के निर्णय को मानना चाहिए। फेलिक्स पैडल ने कहा कि जमीन देने के खिलाफ किए जाने वाले आदिवासियों के आंदोलन को माओवादी भी समर्थन करते हैं।

सौ वर्षो बाद जीवन के लिए होगा खतरनाक
औद्योगिकीकरण के तहत जिस रफ्तार से जंगलों की कटाई हो रही है। खनन हो रहा है और पानी का जिस पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है उससे आने वाले सौ वर्षो बाद मानव जीवन के लिए काफी खतरनाक स्थिति होगा। इसपर कोई सोच नहीं रहा है। टाटा स्टील को इसपर विचार करना होगा। टाटा स्टील ने आदिवासी समागम आयोजित कर एक सराहनीय पहल की है।

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