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नौकरी बाद में, पहले मान्यता दिखाओ

बिना मान्यता डिग्री देने वाले कॉलेजों और संस्थानों पर शिकांा कसने के लिए सरकार के तरकश से नया तीर निकला है। नियुक्ित के वक्त खासतौर पर बीएड या बीपीएड करने वालों को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद...

 नौकरी बाद में, पहले मान्यता दिखाओ
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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बिना मान्यता डिग्री देने वाले कॉलेजों और संस्थानों पर शिकांा कसने के लिए सरकार के तरकश से नया तीर निकला है। नियुक्ित के वक्त खासतौर पर बीएड या बीपीएड करने वालों को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से मान्यता का प्रमाण पत्र उस विश्वविद्यालय या कॉलेज से लाना होगा, जहाँ से अभ्यर्थी ने डिग्री हासिल की है।ड्ढr विशिष्ट बीटीसी के जरिए शिक्षक बनने का सपना साकार करने में जुटे अभ्यर्थियों को इस बात के लिए पसीना बहाना पड़ रहा है कि उन्होंने जहाँ से बीएड किया, वह मान्यता प्राप्त है या नहीं। यह प्रमाण पत्र अभ्यर्थी को उसी संस्थान या कॉलेज से लाने को कहा गया है जहाँ उन्होंने पढ़ाई की है। कॉलेज उन्हें यह लिख कर देने को तैयार नहीं है कि वह मान्यता प्राप्त है। अभ्यर्थियों को 28 अप्रैल तक संबंधित डायट में सर्टिफिकेट देना था, लेकिन 50 फीसदी से ज्यादा अभ्यर्थी यह प्रमाण पत्र नहीं दे सके हैं। एनसीटीई की वेबसाइट बताती है कि कई कॉलेजों को मान्यता ही नहीं मिली है। एसे में कॉलेज प्रमाण पत्र का सत्यापन नहीं दे रहे हैं।ड्ढr नियमों के मुताबिक किसी भी बीएड कॉलेज के पास एनसीटीई से मान्यता और सम्बद्धता दोनों होनी चाहिए। कुछ कॉलेजों के पास सम्बद्धता है, लेकिन मान्यता निश्चित नहीं है। सीएसजेएम जसा विश्वविद्यालय भी इसकी जद में आया है। बीपीएड के पहले बैच के अभ्यर्थियों को विवि यह लिख कर देने को तैयार नहीं है कि यह कोर्स मान्यता प्राप्त है। इस कोर्स को फरवरी 2006 में मान्यता मिली थी। इस वजह से अभ्यर्थियों के लिए यह परशानी का सबब बन गया है। डायट नर्वल के प्राचार्य सन्त राम सोनी ने बताया कि शासनादेश के कारण अभ्यर्थियों से सत्यापन पत्र माँगा गया है। जो लोग सत्यापन करा लाए हैं उनका प्रशिक्षण 28 अप्रैल से शुरू हो गया है। जिन्होंने अब तक सत्यापन पत्र नहीं दिया, उनके बार में बाद में विचार होगा। इस बीच, सीएसजेएम विवि से बीएड और बीपीएड की एनसीटीई से मान्यता का सत्यापन पत्र लेने पहुँचे विशिष्ट बीटीसी अभ्यर्थियों ने मंगलवार को काफी हंगामा किया। बाद में 26 अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र दे दिया गया। कुलसचिव महेश चन्द्रा ने कहा कि डायट को विश्वविद्यालय से कॉलेजों की मान्यता का प्रमाण पत्र विश्वविद्यालय से ही लेना चाहिए। जो भी अभ्यर्थी प्रमाण पत्र लेने आ रहे हैं, उन्हें प्रमाण पत्र दिया जा रहा है।

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