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ताकि मासूमों की मौत के लिए न जाना जाए चाचा नेहरू का अस्पताल

चाचा नेहरू के जन्मदिन पर सारा देश जहां बाल दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है, वहीं गोरखपुर के नागरिक चाचा नेहरू के नाम पर बने अस्पताल को मासूमों की मौत से मुक्ति दिलाने के लिए सड़क  पर उतरने की...

ताकि मासूमों की मौत के लिए न जाना जाए चाचा नेहरू का अस्पताल
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 13 Nov 2014 10:11 PM
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चाचा नेहरू के जन्मदिन पर सारा देश जहां बाल दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है, वहीं गोरखपुर के नागरिक चाचा नेहरू के नाम पर बने अस्पताल को मासूमों की मौत से मुक्ति दिलाने के लिए सड़क  पर उतरने की तैयारी में हैं। गोरखपुर पिछले 37 साल से इंसेफेलाइटिस का दंश ङोल रहा है। यह बीमारी से हर साल क्षेत्र के सैकड़ों बच्चों की मौत हो जाती है।

यहां के नागरिकों ने शुक्रवार को शहर के प्रमुख चेतना तिराहे पर कैंडिल मार्च निकालने का आह्वान किया है। लोगों का कहना है कि सरकार इंसेफेलाइटिस के खात्मे का राष्ट्रीय कार्यक्रम लागू करे। बाल दिवस पर पूर्वाचल के मासूमों के लिए इससे बेहतर तोहफा नहीं हो सकता।

इंसेफेलाइटिस 1978 से ही पूर्वी उत्तर प्रदेश में मासूमों पर कहर बरपा रही है। एक अनुमान के मुताबिक पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बिहार और नेपाल के तराई क्षेत्र में इस बीमारी से करीब 50 हजार बच्चों की मौत हो चुकी है। अकेले बीआरडी मेडिकल कॉलेज के नेहरू अस्पताल में करीब 12 हजार मौतें हुई हैं।

इंसेफेलाइटिस से मुक्ति के बिना पूर्वाचल के मासूमों को बाल दिवस की खुशियों का एहसास नहीं होगा। सरकार इस मौके पर स्वच्छ बालक मिशन की बेहतरीन शुरुआत कर रही है। इसके साथ ही पल्स पोलियो की तर्ज पर इंसेफेलाइटिस से निपटने का राष्ट्रीय कार्यक्रम भी लागू किया जाना चाहिए।
-डॉ. आर.एन. सिंह, मुख्य प्रचारक, इंसेफेलाइटिस उन्मूलन अभियान
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हर साल सैकड़ों बच्चों की मौतों के चलते हमारे लिए बाल दिवस की खुशियां अधूरी हैं। हम चेतना तिराहे पर कैंडिल जलाकर पूर्वाचल के उन सब ज्ञात-अज्ञात मासूमों के लिए प्रार्थना करेंगे जिन्हें इस घातक बीमारी ने अपनी चपेट में लिया है।
-रत्नाकर सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता, सिविल कोर्ट, गोरखपुर
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चार दशक से जारी है कहर
1975 बच्चे भर्ती कराए गए इस साल जनवरी से अब तक
543 बच्चे इनमें से बचाए नहीं जा सके उपचार के बावजूद
162 बच्चे इस वक्त भी मौत से जूझ रहे हैं अस्पताल में
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बाल दिवस पर पहल
-शुक्रवार को कैंडिल मार्च निकालकर इंसेफेलाइटिस के प्रति ध्यान दिलाएंगे स्थानीय नागरिक
-बच्चों के लिए जानलेवा बीमारी के खात्मे के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम लागू करने की मांग उठी

 

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