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Hindi Newsकिरण के सीपीएल नेता बनने से हुड्डा को लगा जोरदार झटका

किरण के सीपीएल नेता बनने से हुड्डा को लगा जोरदार झटका

पूर्व सीएम स्व. बंसीलाल की पुत्रवधू तथा कांग्रेस की तेज-तर्रार नेत्री किरण चौधरी को कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाकर कांग्रेस हाईकमान ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बैकफूट पर धकेल दिया है।...

किरण के सीपीएल नेता बनने से हुड्डा को लगा जोरदार झटका
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 12 Nov 2014 06:37 PM
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पूर्व सीएम स्व. बंसीलाल की पुत्रवधू तथा कांग्रेस की तेज-तर्रार नेत्री किरण चौधरी को कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाकर कांग्रेस हाईकमान ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बैकफूट पर धकेल दिया है। फिलहाल कांग्रेस के 15 एमएलए है और कुछ एमएलए भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीब माने जाते है, मगर बावजूद इसके कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश में कांग्रेस की दुर्गति की ठीकरा हुड्डा के सिर फोड़ते हुए किरण चौधरी की नियूक्ति कर हुड्डा को जोरदार झटका दिया है।

किरण चौधरी की हुड्डा से कभी पटरी नहीं बैठी। हुड्डा ने किरण चौधरी को राजनीतिक झटके देकर उनसे मंत्री पद छीन लिया था, मगर अगले ही दिन किरण चौधरी के दवाब की बदौलत हुड्डा को न सिर्फ झुकना पड़ा, बल्कि दो महत्वपूर्ण विभाग भी देने पड़े थे। किरण चौधरी हुड्डा मंत्रीमंडल में प्रभावी मंत्री तो रही है, मगर हुड्डा से उनकी आंख मिचौली बराबर जारी रही।

हुड्डा गीता भुक्कल या फिर कुलदीप शर्मा को विधायक दल नेता बनाने की वकालत कर रहे थे मगर कांग्रेस हाईकमान ने हुड्डा की सभी दलीलों को खारिज कर दिया। हुड्डा पूर्व मंत्री व दलित नेत्री गीता भुक्कल को सीएलपी नेता बनाकर इस मामले में एक तीर से दो शिकार करना चाहते थे। हुड्डा चाहते थे कि अगर गीता भुक्कल की नियूक्ति होगी तो उससे कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर के राजनीतिक कद को छोटा किया जा सक ता है और दूसरा प्रदेश में यह संदेश जाएगा कि आज भी कांग्रेस में हुड्डा दबदबा है।

तंवर ने हुड्डा की इस चाल को भांपते हुए हुड्डा की उम्मीदों पर ग्रहण लगाते हुए कांग्रेस हाईकमान के दखल से ना केवल भुक्कल की नियूक्ति रूकवाई बल्कि किरण चौधरी को विधायक दल का नेता बनवाने में अहम भूमिका निभाई। किरण चौधरी के विधायक दल का नेता बनने से तंवर का राजनीतिक कद बढ़ा है। तंवर बखूबी जानते थे कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा गीता भुक्कल के कंधों पर रखकर बंदूक चलाना चाहते थे और उनके कद को प्रदेश में कम करना चाहते है।

अगर गीता भुक्कल की नियूक्ति होती तो तंवर का कांग्रेस प्रदेशाध्क्ष पद से हटना निश्चित था क्योकि सीएलपी नेता के पद पर व प्रदेशाध्यक्ष दोनो दलित हो जाते और जातिगत संतुलन बनाने के तंवर का हटना तय था। अब जाट नेत्री को सीएलपी नेता बनने से गैर जाट एवं दलित नेता डॉ.तंवर की प्रधानगी पर मंडरा रहे खतरे के बादल छंट गये।

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