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सरकारी स्कूल के छात्र ने कबाड़ से बनाया चार्जर

अब आप साइकिल पर चलते-चलते भी अपना मोबाइल चार्ज कर सकते हैं। इसे संभव किया है टोहाना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले वाजीफ खान ने। कबाड़ में पड़ी बेकार वस्तुओं को...

सरकारी स्कूल के छात्र ने कबाड़ से बनाया चार्जर
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 12 Nov 2014 06:35 PM
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अब आप साइकिल पर चलते-चलते भी अपना मोबाइल चार्ज कर सकते हैं। इसे संभव किया है टोहाना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले वाजीफ खान ने। कबाड़ में पड़ी बेकार वस्तुओं को जोड़कर एक विचार से पैदा हुआ यह चार्जर बेहद उपयोगी उपकरण साबित हो सकता है।

बकौल वाजीफ खान उनके दिमाग में हमेशा कुछ न कुछ नया करने के विचार आते रहते हैं। ऐसे में उन्हें एक दिन यह बात सूझी कि साइकिल पर चलते समय उसके पहिए से ऊर्जा उत्पन्न करके उसका प्रयोग मोबाइल आदि को चार्ज करने में किया जा सकता है। इसके लिए उसने कबाड़ से एक डायनमो ढूंढा और उसे साइकिल के पहिए के साथ जोड़ने के लिए कबाड़ से ही कार के एसी का फैन उठाकर उसे डायनमों के साथ जोड़ दिया।

एक लोहे की पत्ती की क्लिप के सहारे उसने इस डायनमों को साइकिल पर फिट किया और जैसे ही साइकिल का पहिया चलाया तो डायनमो से बिजली पैदा हुई। इस बिजली को उसने दो तारों के माध्यम से साइकिल पर एक प्लग लगाकर उस तक पहुंचाया। अब जब भी साइकिल चलती है तो यह उसके पहिए के साथ यह डायनमो घूमता है और इससे पैदा हुई बिजली प्लग तक पहुंच जाती है जिसमें चार्जर लगाकर आसानी से मोबाइल चार्ज किया जा सकता है।

वाजीफ ने यह उपकरण कबाड़ में पड़ी बेकार वस्तुओं से बनाया है लेकिन इसे नई वस्तुओं के साथ तैयार किया जाए तो इस पर 250-300 रुपये से अधिक का खर्च नहीं आएगा। वाजीफ खान के दिमाग में इस प्रकार के और भी कई उपयोगी उपकरण तैयार करने के विचार हैं। वह एक ऐसा उपकरण बनाने की सोच रहा है जिसके माध्यम से बिजली न होने पर भी केवल साइकिल चलाते हुए घर के सभी पंखे चलाए जा सकते हैं। उनका कहना है कि यदि विशेषज्ञों का मार्गदर्शन मिले तो इन उपकरणों से अधिक आउटपुट लेकर इन्हें और ज्यादा उपयोगी भी बनाया जा सकता है।

भूना रोड स्थित गीता कालोनी के रहने वाले वाजीफ खान के पिता वैल्डिंग का काम करते हैं और काफी बुजुर्ग हो चुके है। ऐसे में वाजीफ खान को अपने विचारों को मूर्त रूप देने के लिए वित्तीय सहायता की दरकार है। इस कार्य में उनकी सहायता के लिए आगे आई है सर्वदलीय शांति कमेटी। कमेटी के चेयरमैन नवनीत शर्मा ने वाजीफ खान को आवश्यकता अनुसार वित्तीय सहायता और विशेषज्ञों का मार्गदर्शन उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी ली है। यही नहीं, सर्वदलीय शांति कमेटी वाजीफ खान जैसे दूसरे प्रतिभाशाली बच्चों को भी प्रोत्साहित करने के लिए तैयार है।

कमेटी चेयरमैन नवनीत शर्मा ने केंद्र व राज्य सरकार से भी अनुरोध किया है कि घरेलू व जिम आदि स्थानों पर प्रयोग होने वाले उपकरणों में ऐसे यंत्र लगाने के निर्देश इनकी निर्माता कंपनियों को दिए जाएं जिनसे उत्पन्न होने वाली ऊर्जा से अन्य कार्य किए जा सकें। उन्होंने कहा कि जिम में प्रयुक्त होने वाले उपकरणों से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा को सही तरीके से इस्तेमाल में लाया जाए तो इससे भी बल्ब व टय़ूबलाइट आदि जलाकर ऊर्जा की बचत की जा सकती है।

कंपनियों के लिए अपने उपकरणों में इस प्रकार के यंत्र लगाने की पहल करना एक क्रांतिकारी कदम होगा जिससे हम चलते-फिरते भी ऊर्जा का उत्पादन कर सकेंगे।

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