ढाई घंटे जाम के कारण बस में जन्मी बच्ची
देश की राजधानी दिल्ली और विकास के बड़े-बड़े दावे करने वाले सियासदां के लिए इससे शर्म की बात नहीं हो सकती कि जाम के कारण एक गर्भवती अस्पताल नहीं पहुंच सकी और ढाई घंटे प्रसव पीड़ा झेलने के बाद बस में...
देश की राजधानी दिल्ली और विकास के बड़े-बड़े दावे करने वाले सियासदां के लिए इससे शर्म की बात नहीं हो सकती कि जाम के कारण एक गर्भवती अस्पताल नहीं पहुंच सकी और ढाई घंटे प्रसव पीड़ा झेलने के बाद बस में ही बच्ची का जन्म हो गया। बिहार से आई महिला क्लस्टर बस से हरियाणा बॉर्डर जा रही थी।
यह घटना दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली के नजफगढ़ इलाके की है। जानकारी के मुताबिक चिंता देवी अपने पति संतोष और दो बेटों के साथ रविवार सुबह श्रमजीवी ट्रेन से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उतरी थी। चिंता देवी को नौ माह का गर्भ था। वह वहां से उत्तमनगर पहुंची और दिल्ली-हरियाणा के ढासा बॉर्डर जाने के लिए एक बस में बैठ गई। तिलक नगर से ढासा बार्डर रूट की डीएल-1सी 6451 नंबर वाली बस से वह नजफगढ़ स्थित सुरेधा मोड़ पर पहुंची। यहां लालबत्ती पर जाम लगा हुआ था।
इस दौरान उसे प्रसव पीड़ा होने लगी लेकिन ट्रैफिक जाम होने के कारण अस्पताल जाना संभव नहीं था। इसी दौरान चिंता देवी को बस में ही बच्ची पैदा हो गई। इसके बाद संतोष ने तुरंत बस चालक और परिचालक को यह बात बताई। बताया जा रहा है कि बस चालक ने मां को नवजात के साथ नजदीक स्थित राव तुला राव अस्पताल पहुंचा दिया। अस्पताल प्रशासन ने भी सूचना मिलने के बाद तुरंत नवजात समेत चिंता देवी को भर्ती कर उपचार शुरू कर दिया। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों खतरे से बाहर हैं।
मजदूर है महिला का पति: चिंता देवी के पति संतोष ने बताया कि वह मूल रूप से बिहार स्थित नालंदा के डुमरी गांव का रहने वाला है। वह हरियाणा स्थित झज्जर में एक ईंट भट्टी पर मजदूरी करता है।
जाम से बेहाल दिल्ली
50 लाख के करीब वाहन हैं दिल्ली में ये तीनों मेट्रो शहरों के योग से अधिक
06 साल का समय जाम में फंसकर रह जाता है 30 साल के करियर में
100 करोड़ रुपये का नुकसान रोज होता है राजधानी में जाम के कारण
10.24 लाख वाहन राजधानी से प्रतिदिन होकर गुजरते हैं
(केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान की रिपोर्ट)