सरकार कट्टरता रोकने का पूरा प्रयास कर रही है : राजनाथ
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत आश्वस्त है कि इस्लामिक स्टेट के आतंकवादी देश में खास प्रभाव डालने में सफल नहीं हो पाएंगे और सरकार युवाओं के बीच कट्टरता पनपने से रोकने के लिए अपनी ओर से पूरा...
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत आश्वस्त है कि इस्लामिक स्टेट के आतंकवादी देश में खास प्रभाव डालने में सफल नहीं हो पाएंगे और सरकार युवाओं के बीच कट्टरता पनपने से रोकने के लिए अपनी ओर से पूरा प्रयास कर रही है।
सिंह ने एक साक्षात्कार में कहा कि हम भारत में कट्टरता रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। आईएस का भारत में खास प्रभाव नहीं है, हालांकि कई अन्य देश इससे प्रभावित हुए हैं। आईएस भारत में खास प्रभाव डालने में सफल नहीं हो पाएगा। वह उन खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे कि कई युवा खतरनाक आतंकवादी संगठन में शामिल हो गए हैं।
आईएस के आतंकवादियों का जून से ही इराक और सीरिया के एक बड़े हिस्से पर नियंत्रण है। लेकिन अगस्त से अमेरिका नीत गठबंधन उन्हें हवाई हमलों से निशाना बना रहा है। सिंह ने भारतीय उपमहाद्वीप में जिहाद शुरू करने के लिए अल-कायदा के एक शाखा स्थापित करने की आशंका से इंकार नहीं किया।
सिंह ने कहा कि अल-कायदा की गतिविधियां जारी हैं लेकिन इस संगठन के बारे में ऐसी कोई सूचना नहीं है कि उसने क्षेत्र में कोई शाखा स्थापित कर ली है। हम, हालांकि, किसी आशंका से इंकार नहीं करते। सिंह आतंकवाद से मुकाबला और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भारत-इस्राइली सहयोग को बढ़ावा देने के लिए इस्राइली नेतृत्व के साथ बातचीत की खातिर यहां थे।
अल-कायदा नेता अयमान अल जवाहिरी ने सितंबर में घोषणा की थी कि वैश्विक इस्लामी चरमपंथी आंदोलन ने भारतीय उपमहाद्वीप में एक नई उपशाखा शुरू की है।
यह पूछे जाने पर कि घरेलू संगठन भाकपा (माओवादी), इंडियन मुजाहिदीन या विदेशी आतंकवादी संगठनों अल-कायदा और लश्कर-ए-तैयबा भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा है, सिंह ने कहा, हम छोटे खतरे और बड़े खतरे के रूप में अंतर नहीं करते। खतरा खतरा होता है।
उन्होंने कहा, हमारी सभी सुरक्षा एजेंसियां, हमारी खुफिया एजेंसियां उभरते खतरों पर नजर रखती हैं और ऐसे खतरों से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाती हैं। सिंह ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया कि आतंकवादियों की योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करने की है।
उन्होंने कहा कि हमें इस संबंध में कोई सूचना नहीं है। लेकिन आतंकवादियों के मामले में कुछ भी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती कि वे कब और क्या करने जा रहे हैं। हालांकि हमारे प्रधानमंत्री पर हमले की ऐसी किसी योजना के संबंध में हमारे पास कोई सूचना नहीं है।
हाल ही में इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के बम विशेषज्ञ वकास उर्फ जावेद तथा आईएम के तीन अन्य संदिग्ध सदस्यों को दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने राजस्थान में जयपुर और जोधपुर से गिरफ्तार किया था। जावेद पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का रहने वाला है।
रिपोर्टों के अनुसार आतंकी मॉडयूल की योजना मोदी की चुनावी रैली के दौरान आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की थी।
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत युद्ध से प्रभावित अफगानिस्तान से इस साल के अंत तक अमेरिका नीत गठबंधन बलों की वापसी के बाद सुरक्षा परिदृश्य को लेकर चिंतित है, सिंह ने कहा, अफगानिस्तान से नाटो बलों की वापसी के बाद की उभरती स्थिति और चुनौतियों से निपटने के लिए हमने पर्याप्त तैयारियां की हैं। हम उस बारे में बहुत चिंतित नहीं हैं।