लक्ष्मीकांत परसेकर बने गोवा के नये मुख्यमंत्री, पर्रिकर का इस्तीफा
गोवा में भाजपा को मजबूत स्थिति में लाने में अहम भूमिका निभाने वाले और लंबे समय तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में सक्रिय रहे लक्ष्मीकांत परसेकर को शनिवार को राज्य के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई...
गोवा में भाजपा को मजबूत स्थिति में लाने में अहम भूमिका निभाने वाले और लंबे समय तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में सक्रिय रहे लक्ष्मीकांत परसेकर को शनिवार को राज्य के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई।
परसेकर ने मुख्यमंत्री पद पर भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोहर पर्रिकर की जगह ली है। पर्रिकर केंद्र में कैबिनेट मंत्री बनने जा रहे हैं। मौजूदा उप-मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता फ्रांसिस डीसूजा की चुनौती को दरकिनार करते हुए परसेकर का राज्य का नया मुख्यमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
राज्यपाल मदुला सिन्हा ने राजभवन में आयोजित एक समारोह में 58 साल के परसेकर को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। परसेकर मंड्रेम विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। परसेकर के अलावा नौ और मंत्रियों को भी शपथ दिलाई गई जिनमें सात भाजपा के जबकि दो इसकी सहयोगी महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के विधायक हैं।
पिछली मनोहर पार्रिकर सरकार में मंत्री रहे फ्रांसिस डिसूजा, दयानंद मांडरेकर, रमेश तावड़कर, महादेव नाइक, दिलीप पारूलेकर, मिलिंद नाइक, एलिना सलदान्हा :सभी भाजपा के: और रामकृष्ण उर्फ सुदिन धवलीकर और दीपक धवलीकर :दोनों एमजीपी के: को परसेकर की नई मंत्रिपरिषद में भी बरकरार रखा गया है।
आज सवेरे पार्रिकर द्वारा इस्तीफा दिए जाने के तुरंत बाद हुई एक बैठक में भाजपा विधायक दल के नेता चुने जाने पर परसेकर ने कहा कि एकमत से चुने जाने पर मैं काफी खुश हूं।
आरएसएस और भाजपा के समर्थन के बल पर परसेकर ने डिसूजा की चुनौती नाकाम कर दी। डिसूजा पार्रिकर सरकार में सबसे वरिष्ठ मंत्री और भाजपा के कैथोलिक चेहरा हैं। उन्होंने कल मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी।
पार्रिकर ने परसेकर के नाम का प्रस्ताव दिया था और डिसूजा ने इसका अनुमोदन किया। इस प्रस्ताव का पार्टी नेतृत्व ने समर्थन किया। डिसूजा ने कहा कि कल मुख्यमंत्री नामित किया गया था । आज 21 विधायकों ने उन्हें चुना है, मैं चुनावी प्रक्रिया से नाराज नहीं हो सकता। जब चुनाव हो गया और ज्यादातर विधायकों ने उनके लिए वोट किया तो मैं कैसे नाराज हो सकता हूं।
डिसूजा ने कहा था कि यदि उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया तो वह नई सरकार में शामिल नहीं होंगे । बहरहाल, वह आज शाम शपथ लेने वाले मंत्रियों में शामिल थे। मुख्यमंत्री पद की दावेदारी के बाबत किए गए एक सवाल के जवाब में डिसूजा ने कहा कि मेरे पास संख्याबल नहीं है।
हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर और महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के बाद परसेकर पिछले दो महीने से भी कम समय में मुख्यमंत्री बनने वाले ऐसे तीसरे भाजपा नेता हैं जो आरएसएस के काफी करीब माने जाते हैं।
शपथ-ग्रहण समारोह के बाद डिसूजा ने पत्रकारों को बताया कि वह राज्य के उप-मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे। डिसूजा ने कहा कि मैं उप-मुख्यमंत्री पद पर बना रहूंगा । यह पार्टी का फैसला था और मुझे इसका पालन करना होगा।
इससे पहले, चुनाव के लिए पार्टी के पर्यवेक्षक एवं महासचिव राजीव प्रताप रूडी ने कहा था कि परसेकर को सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया ।