गुस्सा अब आपके काबू में
आप स्वभाव से चाहे कितनी ही शांत हों, पर जब आपको गुस्सा आता है तो आपका अपने ऊपर ही काबू नहीं रहता। गुस्सा आया है तो वह किसी-न-किसी रूप में निकलेगा ही। ऐसे में जरूरी है कि हम अपने गुस्से को काबू में...
आप स्वभाव से चाहे कितनी ही शांत हों, पर जब आपको गुस्सा आता है तो आपका अपने ऊपर ही काबू नहीं रहता। गुस्सा आया है तो वह किसी-न-किसी रूप में निकलेगा ही। ऐसे में जरूरी है कि हम अपने गुस्से को काबू में रखने की तरकीब विकसित करें। बता रही हैं कमलेश
जब गुस्सा आता है तो दिल करता है, आसपास तोड़-फोड़ कर दूं। जोर से चीखूं-चिल्लाऊं। गुस्सा आने पर हमारी स्थिति कुछ ऐसी ही होती है। बिना सोचे-समझे कोई भी कदम उठा लेते हैं। कई बार हम गुस्से को गलत तरीके से बाहर निकालते हैं। कई लोग आसपास रखी चीजों को तोड़ने लगते हैं तो कुछ कहीं का गुस्सा कहीं और निकाल देते हैं। इससे गुस्सा कम होने की बजाय और बढ़ता जाता है। साथ ही अपना नुकसान भी कर बैठते हैं।
सर गंगाराम अस्पताल में मनोवैज्ञानिक डॉं. अनीता महाजन के अनुसार, गुस्से पर नियंत्रण के लिए सबसे जरूरी है यह अहसास होना कि हम कुछ गलत कर रहे हैं। अगर गलत करने का पछतावा ही नहीं होगा तो उसे सुधारने की इच्छा कभी नहीं जागेगी। गुस्से के कारणों को जानना भी बहुत जरूरी है। गुस्सा दो कारणों से आता है, या तो किसी खास परिस्थिति के कारण या फिर किसी बीमारी के कारण। परिस्थितिजन्य या मानसिक बीमारी के कारण भी हो सकता है। अगर गुस्सा किसी मानसिक बीमारी के कारण बार-बार आ रहा है तो तुरंत डॉंक्टर से सलाह लें। वहीं अगर किसी खास परिस्थिति के कारण गुस्सा आ रहा है तो इस स्थिति में इन उपायों को आजमाएं।
गहरी सांसें लें या 1 से 10 तक गिनती गिनें
गुस्सा आने पर उस जगह से दूर जाकर लंबी और गहरी सांसें लें। शरीर में सांस के अंदर आने और बाहर जाने की प्रक्रिया को महसूस करें। इससे आपका ध्यान गुस्से से हट कर सांस लेने पर चला जाएगा, जिससे गुस्सा कम हो जाएगा।
परिणामों के बारे में सोचें
गुस्से में हम अकसर कोई भी कदम उठा तो लेते हैं, लेकिन बाद में उसके घातक परिणाम भी भुगतने पड़ जाते हैं, इसलिए गुस्से में कुछ करने से पहले बाद में होने वाले परिणामों के बारे में सोचने की कोशिश करें।
संवाद करें
कहते हैं न कि बात करने से ही बात बनती है। बस गुस्से के मामले में भी यही बात अपनाएं। कई बार दोस्तों या परिवार के सदस्यों के बीच कुछ गलतफहमियां या टकराव हो जाता है। ये गलतफहमियां आगे चल कर गुस्से का कारण बनती हैं। बात करके गिले-शिकवे दूर करें।
गुस्से की वजह को समझें
जॉब छूटने पर, करियर में असफल होने पर या किसी निजी परेशानी या अन्य कारणों से तनाव बढ़ने से स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है। ऐसे में गुस्से की वजह को जानने की कोशिश करें।
ऊर्जा का उचित उपयोग करें
गुस्सा आने पर शरीर में हार्मोन्स में कई बदलाव होते हैं, जिनसे शरीर एकदम लड़ने के लिए तैयार हो जाता है। उस समय शरीर में उत्पन्न ऊर्जा को लड़ाई में न लगा कर किसी अन्य काम में लगाएं।