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ज्योति हत्याकांड: सुरक्षा घेरे में लाए गए सभी आरोपी

ज्योति हत्याकांड के मुख्य आरोपी पीयूष श्यामदासानी, मनीषा मखीजा समेत सभी आरोपियों को शनिवार को चाजर्शीट सौंपी गई। पुलिस के सुरक्षा घेरे में सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। हालांकि साजिश छुपाने...

ज्योति हत्याकांड: सुरक्षा घेरे में लाए गए सभी आरोपी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 01 Nov 2014 09:06 PM
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ज्योति हत्याकांड के मुख्य आरोपी पीयूष श्यामदासानी, मनीषा मखीजा समेत सभी आरोपियों को शनिवार को चाजर्शीट सौंपी गई। पुलिस के सुरक्षा घेरे में सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। हालांकि साजिश छुपाने के आरोपी पीयूष के माता-पिता और दोनों भाई हाजिर नहीं हुए। माता-पिता के वकीलों ने कोर्ट से हाईकोर्ट में एफआईआर के खिलाफ रिट दायर करने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा है। आरोपी का पक्ष सुनने को अगली तारीख 7 नवंबर तय की गई है। चाजर्शीट पर दोनों पक्षों के बीच अब जिरह और बहस का सिलसिला शुरू होगा।  

पीयूष, मनीषा, अवधेश, आशीष, रेनू और सोनू को शनिवार दोपहर लगभग 11 बजे जेल से लाया गया। सभी को सुरक्षा घेरे में सीएमएम कोर्ट में पेश किया गया। सीएमएम के छुट्टी पर होने पर स्पेशल सीजेएम कोर्ट में ले जाया गया, इनके भी न होने पर एसीएमएम-7 गगन भारती की कोर्ट में सुनवाई हुई। सभी आरोपियों को बारी-बारी से चाजर्शीट दी गई। बचाव पक्ष के वकील आरके सिंह यादव ने चाजर्शीट पर आपत्ति भी जताई। कोर्ट ने उनकी आपत्ति खारिज कर दी। सभी आरोपी लगभग 2:30 बजे तक कोर्ट में रहे। चाजर्शीट पर अगली सुनवाई की तिथि 7 नवंबर तय होने पर सभी को सुरक्षा घेरे में जेल ले जाया गया।

हत्याकांड में पीयूष के पिता ओमप्रकाश श्यामदासानी, मां पूनम, भाई मुकेश और अन्य भाई को भी जानकारी होते हुए भी मामला छुपाने का आरोपी बनाया गया। सभी को शनिवार को ही कोर्ट में हाजिर होना था। ओमप्रकाश के वकील ने तर्क दिया कि पुलिस ने सभी को झूठा फंसाया है। एफआईआर का कोई आधार नहीं है। एफआईआर क्वैश करने की अर्जी हाईकोर्ट में लगाने का वक्त दिया जाए। आरोपियों को हाजिरी माफी दे दी जाए। सरकारी वकील ने तर्क दिया कि दो बार समय पहले ही दिया जा चुका है। आरोपियों की हाजिरी माफी याचिका निरस्त की जाए। फिलहाल कोर्ट ने चेतावनी देते हुए चारों को 7 नवंबर तक का समय दे दिया।

भाई दूर-दूर रहा
पीयूष का भाई भी पेशी के दौरान दिखा। वह वकीलों के साथ बस्ते और कचहरी परिसर में कुछ करीबियों के साथ खड़ा रहा। बाहर निकलने के बाद वह पीयूष से मिला। जेल में आकर मिलने का आश्वासन दिया। यह भी चर्चा रही कि मनीषा को एक व्यक्ति ने आकर मोबाइल पर किसी से बात भी कराई। मनीषा ने दुपप्ते के नीचे मोबाइल   छुपा कर बात की।

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