फोटो गैलरी

Hindi Newsअगले दस साल में मैन्यफैक्चरिंग हब होगा भारत: गृह मंत्री

अगले दस साल में मैन्यफैक्चरिंग हब होगा भारत: गृह मंत्री

केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीर भारत सरकार अब इजराइल के साथ रक्षा समझौता करने जा रहा है। इजराइल से हथियारों की अत्याधुनिक तकनीकी खरीदी जाएगी लेकिन इनका निर्माण...

अगले दस साल में मैन्यफैक्चरिंग हब होगा भारत: गृह मंत्री
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 01 Nov 2014 09:03 PM
ऐप पर पढ़ें

केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीर भारत सरकार अब इजराइल के साथ रक्षा समझौता करने जा रहा है। इजराइल से हथियारों की अत्याधुनिक तकनीकी खरीदी जाएगी लेकिन इनका निर्माण भारत में होगा। उन्होंने देश के युवाओं को तैयार रहने के लिए कहा है।
कहा कि यह तो केन्द्र सरकार के मैक इन इंडिया प्रोग्राम का छोटा सा हिस्सा है। आने वाले दस साल में भारत दुनिया का मैन्यफैक्चरिंग हब होगा।

नौकरियों की कमी नहीं होगी। जरूरत है तो खुद को उन नौकरियों के लायक बनाने की। एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए चिंता व्यक्त कि देश में हर साल स्नातक करने वाले सिर्फ 34 फीसदी ही नौकरी के लायक हैं। ऐसे में उन्होंने देश के युवाओं को खुद को तैयार करने की अपील की। गृहमंत्री ने साफ किया है सरकार ने किसी भी देश से अब सिर्फ तकनीक ही खरीदेगी। वह शनिवार को लखनऊ के जयपुरिया प्रबन्ध संस्थान के 18वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर बोल रहे थे।

हिन्दी में बात करने पर शर्म क्यों : केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन के लोगों चीनी भाषा में बात करते हैं। जर्मनी के लोग जर्मन में। इसी तरह हर एक देश का नागरिक अपनी मातृभाषा में न केवल बात करता है बल्कि वह उस पर गर्व भी करता है। उन्हें तो कभी शर्म नहीं आती फिर हम क्यों अपनी मातृभाषा हिन्दी में बात करने से कतराते हैं? किसी भाषा का ज्ञान रखना गलत बात नहीं है लेकिन अपनी मातृभाषा को किनारे कर देना गलत है। साफ किया कि वह किसी भाषा का विरोध नहीं करते हैं लेकिन कम से कम अंग्रेजी जैसी भाषाओं का ज्ञान न होने या अपनी मातृभाषा का इस्तेमाल करने पर हीन भावना का शिकार नहीं होना चाहिए। अटल बिहारी बाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी में भाषा देकर जिस मुहिम की शुरुआत की उसे नरेन्द्र मोदी सरकार आगे ले जाएगी।

अंग्रेजों की शिक्षा के शिकार हम : गृहमंत्री ने देश की शिक्षा पद्धति पर बेहद चिंता जताई। उन्होंने कहा कि मैकाले ने1835 में प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति को खत्म करने का षड़यंत्र रचा। उसी का नतीजा है कि कभी तक्षशिक्षा और नालंदा में वर्ल्ड क्लास एजुकेशन देने वाला भारत आज  टाइम्स हायर एजुकेशन वल्र्ड यूनिवसिर्टी रैंकिंग में टॉप 275 विश्वविद्यालय में भी कहीं नहीं है। हमारी प्राचीन शिक्षा पद्धति ने विचारक दिए हैं। लेकिन, पश्चिमी देशों के नकल करके जिस शिक्षा व्यवस्था को हम बढ़ा रहे हैं वह सिर्फ बच्चों को ज्ञान दे रही है। मूल्य तो काफी पीछे छूट गए।  केन्द्र सरकार इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाएगी।

बच्चों को बहका रहे हैं : गृहमंत्री ने मौजूदा शिक्षा व्यवस्था पर बच्चों को बहकाने के आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि मॉडर्न एजुकेशन का पूरी तरह से वेस्टनाइजेशन किया गया है। उन्होंने इतिहास के पन्ना पलटते हुए बताया कि विज्ञान, गणित के जिन सिद्धांतों को हम आज पश्चिमी देशों के लोगों के नाम पर पढ़ते हैं उन्हें तो सालों पहले हमारे ऋषि-मुनियों ने ही दिया है लेकिन आज की शिक्षा पद्धति में बच्चाों को हम यह नहीं बताते।

सफलता के लिए चरित्र जरूरी: गृहमंत्री ने छात्रों को सफलता के मंत्र भी बताए। उन्होंने कहा कि सफलता पाने के लिए अच्छी शिक्षा बहुत जरूरी है। लेकिन शिक्षा के साथ ही वह अपनी चरित्र कभी न छोड़ें। उन्होंने इस पर स्वामी विवेकानंद की शिकागो यात्रा का एक वृतांत का भी उल्लेख किया। कहा कि सम्मेलन में कुछ स्वामी जी के कपड़ों पर हंसने लगे। इस पर उन्होंने जवाब दिया था कि आपके देश में दर्जी आदमी को बनाते हैं पर हमारे देश में चरित्र से आदमी बनता है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें