फोटो गैलरी

Hindi Newsदिल्ली कला महोत्सव: कई देशों के नृत्य, संगीत का संगम

दिल्ली कला महोत्सव: कई देशों के नृत्य, संगीत का संगम

दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय कला महोत्सव में रविवार को कलाप्रेमी ऑस्ट्रिया के नृत्य तथा हंगरी, अमेरिका और मलेशिया के संगीत से रूबरू होंगे। साथ ही मंजरी कौल निर्देशित नाटक ‘क्रॉनिकल ऑफ अ डेथ...

दिल्ली कला महोत्सव: कई देशों के नृत्य, संगीत का संगम
एजेंसीSat, 01 Nov 2014 12:47 PM
ऐप पर पढ़ें

दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय कला महोत्सव में रविवार को कलाप्रेमी ऑस्ट्रिया के नृत्य तथा हंगरी, अमेरिका और मलेशिया के संगीत से रूबरू होंगे। साथ ही मंजरी कौल निर्देशित नाटक ‘क्रॉनिकल ऑफ अ डेथ फोरटोल्ड’ का मंचन होगा।

घिटोरनी के जोरबा द बुद्धा में रविवार शाम साढ़े छह बजे ऑस्ट्रिया से आए कलाकार नृत्य पेश करेंगे। नृत्य के माध्यम से स्पष्ट किया जाएगा कि कैसे एक ही विषय पर दो नर्तक दो विरोधाभासी दृष्टिकोणों को स्पष्ट कर सकते हैं। जब गलत संचार होता है और मूर्खता अपने चरम पर पहुंच जाती है, तब सत्ता का पतन हो जाता है।

इसी दिन शाम 7 बजे इंडिया हैबिटेट सेंटर के स्टीन ऑडिटोरियम में हंगरी से पीटर होरवथ और बीटा गिंकसाई शहनाई, सैक्सोफोन और पियानो वादन करेंगे। पीटर होरवथ एक पेशेवर शहनाई एवं सैक्सोफोन वादक हैं। उन्होंने 2008 में बुडापेस्ट, हंगरी में विश्व प्रसिद्ध फेरेंक लिज्ट एकेडमी से मास्टर ऑफ म्युजिक की उपाधि प्राप्त की थी।

वह जुगलो फिलहार्मोनिक ऑर्केस्ट्रा और हंगरी में चोटी के सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा सदस्य हैं। उन्होंने असंख्य प्रतिस्पर्धाएं जीती हैं और हंगरी तथा विदेश में कई सभाओं, जैसे बुडापेस्ट में पैलेस ऑफ आर्ट्स एवं न्यूयॉर्क में द लिंकन सेंटर फॉर परफॉर्मिग आर्ट्स में प्रदर्शन किया है।

बीटा गिंकसाई ने छह साल की छोटी-सी उम्र से पियानो बजाना शुरू किया। वह कई संगीत प्रतिस्पर्धाओं में असंख्य पुरस्कार जीत चुकी हैं। 2010 में उन्होंने फ्रांज लिस्ज्ट एकेडमी ऑफ म्यूजिक से स्नातक एवं मास्टर ऑफ पियानो की उपाधि प्राप्त की है। वह अपने गायकों और वादकों का साथ देती हैं।

दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय कला महोत्सव की शुरुआत नई दिल्ली में 28 अक्टूबर को हुई थी। इसका समापन 11 नवंबर को होगा। महोत्सव के विभिन्न कार्यक्रमों में 2000 भारतीय कलाकारों के अलावा 14 देशों के कला समूह अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। यह आयोजन केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय एवं भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के सौजन्य से हो रहा है।

केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, दो सप्ताह तक चलने वाले इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम के दौरान कई स्थानों पर नृत्य, संगीत तथा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के नाटकों का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके अलावा आधुनिक एवं पारंपरिक कविता गायन, साहित्य, प्रदर्शनियों, हैंडलूम एवं हैंडीक्राफ्ट, फिल्म समारोह, नॉर्थ-ईस्ट कार्निवाल, सूफी और कव्वाली कार्यक्रम आकर्षण के मुख्य केंद्र होंगे।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें