पीएमजीएसवाइ के 1500 करोड़ डूबने के कगार पर
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाइ) में राज्य सरकार केंद्र से 1500 करोड़ रुपये लूज करने की स्थिति में है। छट्ठे चरण की इस योजना के लिए केंद्र के पास डीपीआर तक नहीं भेजा गया है। राज्य में इस...
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाइ) में राज्य सरकार केंद्र से 1500 करोड़ रुपये लूज करने की स्थिति में है। छट्ठे चरण की इस योजना के लिए केंद्र के पास डीपीआर तक नहीं भेजा गया है। राज्य में इस योजना की स्थिति यह है कि दूसर राज्यों में जहां इसमें आठवें चरण का काम हो रहा है, झारखंड चौथे और पांचवें चरण में ही फंसा है। सीएम मधु कोड़ा और विकास आयुक्त अशोक कुमार सिंह ने इसके लिए विभाग के मुख्यालय में बैठे अधिकारियों और मुख्य अभियंता को दोषी ठहराते हुए एक सप्ताह के अंदर छट्ठे चरण के लिए तैयार 00 करोड़ का डीपीआर भेजने का निर्देश दिया है। समीक्षा के क्रम में जो बातें सामने आयीं, उसमें शेष 600 करोड़ रुपये का डीपीआर तैयार करने के लिए सीपीएसयू ने राज्य सरकार से दो करोड़ की मांग की थी। पर उसे नहीं दिया गया। परिणामस्वरूप डीपीआर ही नहीं बना। विकास आयुक्त ने चीफ इंजीनियर को फटकारते हुए कहा कि पैसा किसी भी कीमत पर लैप्स नहीं होना चाहिए। वित्त सचिव ने कहा कि यह स्टेट का लॉस है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। बैठक में आरइओ की सड़कों की गुणवत्ता और उसके परफॉरमेंस पर नाराजगी जाहिर करते हुए प्रत्येक सोमवार को समीक्षा करने का निर्देश दिया गया।