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काम में कोताही बर्दाश्त नहीं

सीपीडब्ल्यूडी भी सड़क निर्माण में विलम्ब के रास्ते पर तांतिया के साथ खड़ा हैं। इरकॉन के काम में भी विलम्ब है पर सीपीडब्ल्यूडी से उसके कदम कुछ तेज हैं। स्टेट हाइवे का निर्माण कर रही सीपीडब्ल्यूडी और...

 काम में कोताही बर्दाश्त नहीं
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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सीपीडब्ल्यूडी भी सड़क निर्माण में विलम्ब के रास्ते पर तांतिया के साथ खड़ा हैं। इरकॉन के काम में भी विलम्ब है पर सीपीडब्ल्यूडी से उसके कदम कुछ तेज हैं। स्टेट हाइवे का निर्माण कर रही सीपीडब्ल्यूडी और इरकॉन दोनो एजेंसियां एक साल में मात्र 15 फीसदी राशि ही खर्च कर पायीं हैं। सीपीडब्ल्यूडी ने कुल 2385.0 करोड़ रुपये में से 352.42 करोड़ रुपए खर्च किया है। वहीं इरकॉन 534 करोड़ रुपए में से मात्र 74 करोड़ रुपए का ही काम कर पाया है। नये पथ निर्माण मंत्री प्रम कुमार ने काम में ढ़िलाई को देखते हुए खुद स्थल पर जाकर मानीटरिंग करने का निर्णय किया है।ड्ढr ड्ढr दिलचस्प तथ्य यह है कि पथ निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक में सीपीडब्ल्यूडी ने बताया कि कुल 30 पैकेजों से आधे यानी 15 पैकेजों पर अभी सव्रे का काम ही चल रहा है। इसमें गया, सीवान, गोपालगंज, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, बांका, पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, शिवहर, औरंगाबाद एवं लखीसराय जिले के स्टेट हाइवे शामिल हैं। सीवान, गोपालगंज, गया, पूर्वी चम्पारण, औरंगाबाद और रोहतास में एजेंसियां अपनी कैम्पसाइट आफिस बना रही हैं। अब तक भोजपुर, कैमूर, भागलपुर, मुंगेर, बांका, नवादा, जमुई और पटना जिला से गुजरने वाले स्टेट हाइवे पर ही जमीन पर काम शुरू हो पाया है। इरकॉन ने पथ निर्माण विभाग को बताया है कि वह सभी 13 पैकेजों में पुलपुलिया और बड़े ब्रीजों के निर्माण में जुटा हुआ है।ड्ढr ड्ढr इस संदर्भ में पूछने पर पथ निर्माण मंत्री प्रम कुमार ने कहा कि उन्होंने स्टेट हाइवे की समीक्षा बैठक में दोनों एजेंसियों को स्पष्ट कहा है कि कार्यो में ढ़िलाई किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सीपीडब्ल्यूडी को 15 जून के पहले सभी पैकेजों में मिट्टी, चौड़ीकरण और मेटल, बालू और स्टोन डस्ट मिलाकर (जीएसबी) भरने का काम पूरा करने का कड़ा निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि वे खुद हर 15 दिनों दिनों में समीक्षा और साइट का निरीक्षण करंगे। इरकॉन के अधिकारियों को कहा गया है कि वे दोनों शिफ्टों में काम कराएं और अगले दो महीने के अन्दर कम से कम 50 फीसदी काम पूरा करं।ं

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