यशवंत के निशाने ंपर आडवाणी
राजग के पीएम इन वेटिंग लालकृष्ण आडवाणी की आत्मकथा माई कंट्री माई लाइफ के प्रकाशन के बाद से दूसरे दलों के नेता ही उन्हें कटघरे में खड़ा कर रहे थे, लेकिन अब भाजपा के ही वरिष्ठ नेताओं ने भी उन पर उंगली...
राजग के पीएम इन वेटिंग लालकृष्ण आडवाणी की आत्मकथा माई कंट्री माई लाइफ के प्रकाशन के बाद से दूसरे दलों के नेता ही उन्हें कटघरे में खड़ा कर रहे थे, लेकिन अब भाजपा के ही वरिष्ठ नेताओं ने भी उन पर उंगली उठानी शुरू कर दी है।ड्ढr राजग सरकार में विदेश मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने एक चैनल को दिये इंटरव्यू में कहा कि आडवाणी ने कंधार मामले में मंत्रिमंडल का फैसला उजागर करके गोपनीयता कानून का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल में होने वाले विचार विमशोर्ं एवं कैबिनेट के फैसलों को कभी बाहर नहीं बताना चाहिए। लेकिन आडवाणी ने ऐसा करके गोपनीयता कानून को तोड़ाा है। तत्कालीन डिप्टी पीएम आडवाणी ने अपनी आत्मकथा में लिखा था कि 1दिसंबर में इंडियन एयर लाइंस की उड़ान संख्या आइसी 184 के अपहरण की घटना में यात्रियों की रिहाई के लिए तीन आतंकियों को छोड़ने के सरकार के फैसले की उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। सिन्हा यहीं नहीं रुके, उन्होंने कई विवादित मुददों पर अपनी बेबाक राय रखी। उन्होंने कहा कि आडवाणी के जिन्ना पर दिये बयानों से वह सहमत नहीं। हालांकि इसका विरोध भी नहीं करते। सिन्हा ने राजग सरकार के सुरक्षा सलाहकार रहे ब्रजेश मिश्रा के नाभिकीय सौदे पर दिये समर्थन पर कहा कि ऐसा हो सकता है कि वह संप्रग सरकार के तर्कों से सहमत हो गये हों लेकिन भाजपा इससे सहमत नहीं है। आसमान छू रही महंगाई पर संप्रग सरकार को आड़े हाथों लेते हुई पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नीत गठबंधन सरकार ने बजट में दी जा रही राज सहायता को नियंत्रित करने की कोशिश में खाद्यान्नों का भंडारण कम कर दिया। लेकिन इस कदम से वह चीजों के तेजी से बढ़ते हुए दामों पर नियंत्रण रखने में असफल सिद्ध हुई। अगली लोकसभा के लिए लखनऊ सीट से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के स्वास्थ्य कारणों से नामांकन दाखिल न किए जाने की अटकलों को विराम देते हुए सिन्हा ने कहा कि इस बात का फैसला करने का अभी सही समय नहीं आया है। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को पार्टी द्वारा अगले लोकसभा चुनावो में बतौर प्रधानमंत्री पद के दावेदार उतारे जाने की मांग पर टिप्पणी करते हुए सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस के पास चयन के लिए कोई पसंद का मामला नहीं है। पार्टी नेहरू-गांधी परिवार के ही किसी सदस्य को चुनने के लिए विवश है और उन्हें इन्हीं में से किसी को चुनना होता है। जहां तक राहुल गांधी का सवाल है प्रधानमंत्री पद के लिए उनके नाम को उछाला जा रहा है और अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो राहुल देश के अगले प्रधानमंत्री हो सकते हैं।