फोटो गैलरी

Hindi News लखटकिचचया कचचार लाने कचची अब बजाज कचची तैयारी

लखटकिचचया कचचार लाने कचची अब बजाज कचची तैयारी

देश में टाटा की लखटकिया कार की चर्चा के बीच बजाज ऑटो भी इस दौड़ में शामिल होने की तैयारी में है। प्रमुख द्विपहिया वाहन निर्माता कंपनी बजाज ऑटो बहुराष्ट्रीय कंपनी रेनोल्ट और निसान के साथ एक संयुक्त...

 लखटकिचचया कचचार लाने कचची अब बजाज कचची तैयारी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
ऐप पर पढ़ें

देश में टाटा की लखटकिया कार की चर्चा के बीच बजाज ऑटो भी इस दौड़ में शामिल होने की तैयारी में है। प्रमुख द्विपहिया वाहन निर्माता कंपनी बजाज ऑटो बहुराष्ट्रीय कंपनी रेनोल्ट और निसान के साथ एक संयुक्त उपक्रम के जरिए लखटकिया कारों का निर्माण करेगी। बजाज ऑटो ने इस योजना की घोषणा करते हुए कहा कि 2011 में उनके संयुक्त उपक्रम की कार बाजार में होगी और इसका कोड नाम यूएलसीडी होगा, जिसकी कीमत 2500 अमेरिकी डॉलर (करीब एक लाख रुपए) के आसापास होगी।ड्ढr बजाज ऑटो ने एक विज्ञप्ति में यह जानकारी देते हुए बताया कि देश के कार बाजार में उतरने के लिए कंपनी ने अपना संयुक्त संयत्र महाराष्ट्र के चकान में लगाने का निर्णय लिया है। इस संयंत्र से शुरू में हर साल चार लाख कारों का निर्माण किया जाएग। कार निर्माण करने वाली इस नई कंपनी में बजाज ऑटो का हिस्सा 50 प्रतिशत होगा, जबकि निसान और रेनोल्ट की 25-25 फीसदी हिस्सेदारी होगी। कंपनी की कारें 2011 में बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध होंगी। बजाज की इस उपक्रम के जरिए व्यावसायिक वाहनों के निर्माण की भी योजना है।ड्ढr टाटा मोटर्स की बहुचर्चित लखटकिया कार नैनो का इस साल की शुरुआत में प्रदर्शन हो चुका है और अब उसके सितंबर अथवा अक्टूबर में बिक्री के लिए बाजार में आने की उम्मीद है। कार की कीमत एक लाख रुपए के आसपास होगी। इस कार के बाजार में आने के साथ ही यह कयास लगाए जा रहे हैं कि यह मोटर बाइक के बाजार पर असर डालेगी और मारुति सुजुकी तथा ह्युंडई कारों की बिक्री को प्रभावित करेगी। जनरल मोटर्स और ह्युंडई ने भी इस बाजार में उतरने की इच्छा व्यक्त की है। इसके साथ ही टोयटा मोटर्स, फोक्सवोगन तथा फोर्ड ने भी कम कीमत की कारों के निर्माण की मंशा जाहिर की है। देश में पिछले पांच सालों से कार बाजार 15 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ रहा है और 2010 तक इसके दोगुना होने की संभावना है। नई लखटकिया कारों के बाजार में आने से यह भी उम्मीद बन रही है कि यह नए कार खरीददारों को बाजार में लाएगी। सरकार की योजना देश को छोटी कारों का बड़ा केंद्र बनाने की है इसलिए सरकार ने फरवरी में छोटी कारों पर सीमा शुल्क 12 से 16 प्रतिशत तक कम किया था।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें