मायावती सरकार का एक साल का कार्यकाल निराशाजनक : माले
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माक्र्सवादी लेनिनवादी (भाकपा माले) ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार का बीता एक साल प्रदेशवासियों के लिए निराशाजनक साबित हुआ है। भाकपा (माले) की उत्तर प्रदेश...
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माक्र्सवादी लेनिनवादी (भाकपा माले) ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार का बीता एक साल प्रदेशवासियों के लिए निराशाजनक साबित हुआ है। भाकपा (माले) की उत्तर प्रदेश इकाई के सचिव सुधाकर यादव ने राय की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सरकार के कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर मंगलवार को कहा कि सरकार ने बहुमत की ताकत का इस्तेमाल करके लोकतंत्र तथा विकास को बढ़ावा देने के बजाए लूट और दमन को बढ़ावा दिया। कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार बुरी तरह असफल रही अपराधों का ग्राफी बढ़ा है। उन्होंने कहा कि मायावती सरकार ने राय में दलित उत्पीड़न अधिनियम का जमकर दुरुपयोग किया जिसके चलते दलित उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ी। उन्होंने कहा कि बिजली पानी के संकट और महंगाई से प्रदेशवासियों को कोई राहत नहीं मिली है और भुखमरी बढ़ी है। यहां तक की किसान आत्महत्याएं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की कारपोरेट पक्षीय नीति के कारण किसानों की बढ़ी आबादी खेतों से बेदखल होने की कगार पर है। गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना कृषि संकट को और गहरा करेगी। उन्होंने कहा कि सूखे की मार झेल रहे बुन्देलखंड को उबारने के लिए ठोस प्रयास करने के बजाए मायावती सरकार अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ने में रुचि दिखाती रही। यादव ने कहा कि रोजगार योजनाआें का आलम यह है कि नरेगा के तहत गरीबों को काम नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी आगामी 22 से 24 मई तक मऊ में होने वाली रायसमिति की बैठक में इस सरकार के खिलाफ जनांदोलन की रुपरेखा तय करेगी।