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फचर्ाी नाम से लिया जा रहा जंगल का ठेका

ेंदू पत्ते की ब्रिक्री और इसके ठेके से जुड़े लोग अब विभाग पर हावी होते जा रहे हैं। विरोध करने पर विभाग के उच्च अधिकारियों के नाम से धमकी भी दी जाती है। फराी नाम से जंगल का ठेका लेकर एक ओर जहां टैक्स...

 फचर्ाी नाम से लिया जा रहा जंगल का ठेका
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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ेंदू पत्ते की ब्रिक्री और इसके ठेके से जुड़े लोग अब विभाग पर हावी होते जा रहे हैं। विरोध करने पर विभाग के उच्च अधिकारियों के नाम से धमकी भी दी जाती है। फराी नाम से जंगल का ठेका लेकर एक ओर जहां टैक्स की चोरी की जा रही है, वहीं मजदूरी का भुगतान भी निर्धारित दर से कम किया जा रहा है। क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारी जब इसका विरोध करने लगे हैं, तो उन्हें वन विकास निगम मुख्यालय के नाम से धमकी देकर तबादले की चेतावनी दी जा रही है। इस तरह की हरकत से विभाग को हानि तो होगी, साथ ही सरकार को टैक्स भी नहीं मिलेगा।ड्ढr जानकारी के अनुसार केंदू पत्ते की ब्रिक्री के लिए ठेकेदार दूसर नाम से जंगल का ठेका ले रहे हैं। असली खरीदार से अथॉरिटी लेटर लेकर नियम के खिलाफ काम हो रहा है। वन निगम केंदु पत्ता लॉट की ब्रिक्री एकमुश्त राशि के आधार पर करता है। जिसमें खरीदार को निगम के क्षेत्रीय कार्यालय में राशि अग्रिम जमा करानी है। केंदु पत्ते का लॉट 48 घंटे के अंदर हैंडओवर करने का प्रावधान है। खलिहान और गोदाम का बीमा जरूरी है। पलामू, धालभूम और रांची के ठेकेदार इसका उल्लघंन कर रहे हैं। सबसे अधिक नुकसान मजदूरों को है। मजदूरों को केंदू पत्ता संग्रह करने पर 50 रुपये मानक बोरा मजदूरी भुगतान करने का प्रावधान है, लेकिन मजदूरों को 40 रुपये भुगतान किये जाते हैं।

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