सरकार ने किसानों के लिए खोजा खजाना
राज्य सरकार ने किसानों के लिए अपना खजाना खोल दिया है। मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने कृषि विकास के लिए बने रोड मैप के कार्यक्रमों को शुरू कर दिया। इन कार्यक्रमों पर वर्ष 2008-0में लगभग...
राज्य सरकार ने किसानों के लिए अपना खजाना खोल दिया है। मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने कृषि विकास के लिए बने रोड मैप के कार्यक्रमों को शुरू कर दिया। इन कार्यक्रमों पर वर्ष 2008-0में लगभग रोड़ रुपये और इस वर्ष से लेकर 2011-12 तक लगभग 3757 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इन कार्यक्रमों से राज्य में कृषि उत्पादन को बढ़ाने में सहायता मिलेगी। इसके साथ ही ‘मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार कार्यक्रम’ की शुरूआत की गई है। इस कार्यक्रम के तहत किसान खुद बीज का उत्पादन करंगे और खेती के लिए अन्य किसानों को इसे उपलब्ध कराएंगे। इस योजना पर वर्ष 2008-0से लेकर 2011-12 तक 34 करोड़ से अधिक रुपये खर्च होंगे।ड्ढr ड्ढr अकेले वर्ष 2008-0में साढ़े आठ करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। मंत्रिमंडल की बैठक की जानकारी देते हुए कैबिनेट सचिव गिरीश शंकर ने बताया कि किसानों को गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य के अलावा प्रति क्िवंटल 25 रुपये अतिरिक्त बोनस देने का निर्णय लिया गया है। यह योजना 14 मई से लागू होगी और इस पर राज्य सरकार को 17 करोड़ 50 लाख रुपये का बोझ वहन करना होगा। साथ ही राज्य सरकार ने तय किया है कि सार्वजनिक हित में किसानों की भूमि लेने पर उन्हें उसका अधिकतम लाभ दिया जाए। अब तक की प्रक्रिया के अनुसार किसानों की भूमि लेने पर उन्हें सही लाभ नहीं मिल पा रहा था।ड्ढr ड्ढr मंत्रिमंडल ने तय किया है कि अब भूमि लेने के पहले उसके एवज में भुगतान का निर्णय तीन तरह से लिया जाएगा। पहले तो उस इलाके की भूमि केनिर्धारित मूल्य को आधार बनाया जाएगा। इसके बाद यह देखा जाएगा कि उसके निकटस्थ मौजे में पूर्व में हुए निबंधनों में उच्चतम मूल्य का औसत क्या रहा है। यदि किसी परियोजना के लिए भूमि ली जा रही है तो यह देखा जाएगा कि पूर्व में उस परियोजना में ली गई जमीन के लिए कितना उच्चतम भुगतान हुआ है। इसमें जो भी उच्चतम भुगतान होगा वह किसानों को मिलेगा। इसके अलावा राज्य में कृषि आधारित उद्योगों के विकास के लिए बिहार राज्य खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग निदेशालय गठित किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने विश्वविद्यालयों के शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मियों के अर्जित अवकाश को जमा करने की सीमा 240 दिनों से बढ़ाकर 300 दिन कर दिया है। मंत्रिमंडल ने 1से परियोजना उच्च विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मचारियों की सेवा को मान्यता देते हुए वर्ष 2008-0में उनके वेतन भुगतान के लिए रोड़ 6 लाख साठ हाार 804 रुपये की मंजूरी दी है।